नई दिल्ली : भारत में इस साल मानसून (Indian Monsoon 2020) का आगमन हो चूका है। मानसून के आगमन के साथ ही केरल (Kerala) के कोझीकोड जिले में आज सुबह झमाझम बारिश (Heavy Rain) देखने को मिली, जिसके बाद अब देश भर में बारिश के मौसम की शुरुआत हो गई है। दक्षिण पश्चिम मानसून पहुँचने की जानकारी मौसम विभाग (India Meteorological Department) के डायरेक्टर मृत्युंजय मोहपात्रा (Mrutyunjay Mohapatra) ने दी।
Indian Monsoon 2020 : 75 फीसदी बारिश का अनुमान
बता दें कि हर साल केरल में बारिश के साथ ही मानसून का आगमन होता है। इस समय में जब चिलचिलाती धुप और भीषण गर्मी से लोग परेशान होते है, तब उन्हें मानसून के आगमन का बेसब्री से इंतज़ार होता है, जिससे गर्मी से राहत मिल सके। इस बार मानसून को लेकर अनुमान व्यक्त किया गया है कि जून से सितम्बर तक देश में बारिश का मौसम रह सकता है और 75 फीसदी तक बारिश हो सकती है।
कोरोना संकट में मानसून से निपटने की चुनौती !
एक तरफ जहाँ देश में मानसून ने दस्तक दे दी है, वहीं कोरोना वायरस का भी कहर देखने को मिल रहा है। बारिश के मौसम में वैसे भी कई तरह की बीमारियां दस्तक देती है, जिससे लोगों को हर साल दो-चार होना पड़ता है, लेकिन इस बार कोरोना संकट के बीच बारिश जनित बीमारियों से बचाव के लिए सरकार ने विशेष तैयारी की है। केरल सरकार ने फीवर प्रोटोकॉल लागु कर दिया है, जिसके तहत बुखार से पीड़ित मरीज को अस्पताल पहुंचने पर गेट के पास ही अलग बिठाया जायेगा।
बता दें कि केरल में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी जरूर आई है, लेकिन संक्रमण के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। केरल में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 61 मामले सामने आ चुके हैं। हालाँकि यहाँ बड़ी संख्या में मरीज़ ठीक भी हुए हैं। लेकिन कोरोना को लेकर केरल सरकार पूरी तरह सत्रक है और तमाम तरह के आवश्यक कदम उठा रही है।