नई दिल्ली : INDIAN NAVY : भारतीय हमेशा से ही चीन का विरोध करने से बचता रहा है, लेकिन लद्दाख हिंसा के बाद चीन को लेकर भारत का रवैया बहुत सख्त दिखाई दे रहा है। भारत ने चीन को उसी की भाषा में जवाब देने का फैसला लिया है। इसके तहत भारत दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के दबदबे को कम करने और पूर्वी एशियाई देशों के साथ अपने सुरक्षा संबंध बेहतर बनाने की कोशिश में लगा है। खबर मिली है कि भारत जल्द ही एक नौसैनिक टास्क फोर्स भेजेगा। दक्षिण चीन सागर में जंगी जहाज़ों की तैनाती से चीन पर मानसिक तौर पर दबाव बनाया जा सकता है।
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INDIAN NAVY : चीन को लेकर दिया बयान
भारतीय नौसेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि एक गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर और एक फ्रिगेट मिसाइल के साथ चार जहाज़ों को दो महीने के लिए दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। जंगी जहाज़ों की तैनाती को लेकर नौसेना ने कहा है कि वह समुद्री क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मित्र देशों के साथ परिचालन पहुँच, शांतिपूर्ण उपस्थिति और एकजुटता को पर ज़ोर देना चाहती है। भारतीय नौसेना ने आगे कहा कि इस पहल के तहत हम आम समुद्री हितों और समुद्र की स्वतंत्रता के प्रति वचनबद्ध होकर अपने और मित्र देशों के बीच तालमेल बढ़ा सकते है।
INDIAN NAVY : अमेरिका भी दे रहा भारत का साथ
आपको बता दें कि भारतीय जहाज़ गुआम के तट पर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सालाना संयुक्त युद्ध अभ्यास में भाग लेंगे। दक्षिण चीन सागर में चीन के रवैये से पूर्वी एशियाई देश बेहद परेशान हैं। इसी को ध्यान में रखकर भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने मिलकर क्वाड ग्रुप बनाया है। इसका मुख्य उद्देश्य चीन की विस्तारवादी नीति पर लगाम लगाना है। गौर करने की बात यह है कि चीन के खिलाफ अब अमेरिका भी भारत का खुलकर साथ दे रहा है।