INS Imphal: भारत का स्वदेशी युद्ध का जहाज INS इंफाल आज भारतीय नौ सेना में शामिल हो जाएगा। बता दें कि इसका कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में होगा। इससे नौसेना की और ताकत बढ़ेगी। हालांकि इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
ये हैं इंफाल की खासियत
- आईएनएस इंफाल पहला युद्धक जहाज है, जिसका नाम पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी शहर के नाम पर रखा गया है। युद्धक जहाज का नाम मणिपुर की राजधानी इंफाल के नाम पर रखा गया है। राष्ट्रपति ने अप्रैल 2019 में इसकी मंजूरी दी थी। युद्धपोत का नाम मणिपुर की राजधानी के नाम पर रखा जाना राष्ट्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करता है
- आईएनएस इंफाल हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज-रोधी मिसाइलों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से सुसज्जित है। इस युद्धपोत से निकलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करने की ताकत रखती है।
- इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का पता लगा सकता है। इन सैंसर्स का पता लगाना दुश्मनों के लिए बहुत मुश्किल काम है।
- आईएनएन इंफाल परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले की स्थिति में भी लड़ने के लिए सक्षम है।
- पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन को भी युद्धपोत में इंस्टॉल किया गया है।
- यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध स्थितियों के तहत लड़ने के लिए सुसज्जित है। गुप्त विशेषताएं इसकी युद्ध क्षमता को बढ़ाती है।
- आईएनएस इंफाल को 20 अक्टूबर को भारतीय सेना को डिलीवर किया गया था। डिलीवर होने से पहले इसे कई ट्रायलों से निकलना पड़ा था। नौसेना ने भी इसका सफल परीक्षण किया, जिसके बाद यह नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है।
- नौसेना के मुताबिक, भारत में अब तक बने युद्धक जहाजों में आईएनएस इंफाल सबसे बेहत है और यह युद्धक जहाज बनाने की की भारत की क्षमताओं का परिचायक है।
- हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब में भारतीय नौसेना भी लगातार अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। आईएनएस इंफाल के नौसेना में शामिल होने से भारत की युद्धक क्षमताएं बेहतर होंगी।
- आईएनएस इंफाल की लंबाई 535 फीट और वजन 7,400 टन है।आईएनएस इंफाल को 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ तैयार किया गया है।