Pakistan Saveera Prakash On Indo-Pak Relations: दरअसल, पाकिस्तान में फरवरी में आम चुनाव होने हैं और इनके लिए उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कर दिया है। तो वहीं चुनाव के लिए नामांकन करने वाले उम्मीदवारों में सवीरा प्रकाश का नाम भी शामिल है। बता दें कि सवीरा पहली हिंदू महिला हैं, जो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की बुनेर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान की पीपल्स पार्टी के टिकट पर वह चुनाव लड़ेगीं। हालांकि, सवीरा के पिता डॉक्टर हैं और वह पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सदस्य रहे हैं। सवीरा भी एक डॉक्टर हैं और चुनाव जीत कर वह आम जनता और गरीब लोगों के लिए काम करना चाहती हैं।
सवीरा प्रकाश ने कहा…
पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला उम्मीदवार डॉ. सवीरा ने कहा कि “निर्वाचित होने पर वह पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की समस्याओं को हल करने में मदद करेंगी। मैं एक देशभक्त हिंदू हैं और बुनेर की बेटी की उपाधि मिलने के बाद मेरा मनोबल और बढ़ गया है। यदि मैं निर्वाचित होती हैं तो पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों के प्रति सकारात्मक भूमिका निभाउंगी और दोनों देशों के हिंदू बिना किसी हिचकिचाहट के मुझे संपर्क कर सकेंगे।” इसके साथ ही आपको बता दें कि सवीरा ने अपने पिता डॉ. ओमप्रकाश के नक्शेकदम पर चलते हुए डॉक्टर बनने का फैसला किया।
मां हैं रशियन क्रिश्चियन
सवीरा ने अभी हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया था कि वो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले से आनेवाली एक हिंदू हैं। उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है और कुछ साल स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम भी किया। सवीरा के पिता ओम प्रकाश भी कुछ सालों से राजनीति में हैं। अपने परिवार के बारे में बताते हुए वह बोली, ‘मेरी मां रशियन क्रिश्चियन है तो हम क्रिसमस भी बनाते हैं। मेरे पिता हिंदू हैं तो हम होली, दिवाली भी मनाते हैं। हम ईद भी मनाते हैं। मेरे परिवार ने हमेशा से ही मुझे धार्मिक सहिष्णुता की शिक्षा दी है।’
क्यों आयीं राजनीति में ?
सवीरा राजनीति में आने के सवाल पर कहती हैं, ‘मैंने एमबीबीएस पूरा करके कुछ अस्पताल में जाकर काम किया। मैंने वहां की जमीनी हकीकत देखी। जरूरी इक्विपमेंट नहीं थे जिस कारण लोगों का सही से इलाज नहीं हो पा रहा था। जब मैंने इसके लिए आवाज उठाई तो समझ आया कि जिसके पास पावर है, वही बदलाव कर सकता है, वही इन लोगों की मदद कर सकता है। तब मैंने सोचा कि मैं अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करूंगी। मैं पावर में आकर इन लोगों के लिए वो काम करूंगी जो मैं एक डॉक्टर रहकर नहीं कर पा रही हूं।’