नई दिल्ली : Taliban Capture Kabul: तालिबानी ताकत ने आज अफ़ग़निस्तान अपना कब्ज़ा कर लिया है। तालिबानी उग्रवादियों ने आज(15 अगस्त) सुबह से ही काबुल को चारों तरफ से घेरना शुरू कर दिया था,रविवार सुबह काबुल के बाहर भारी संख्या में तालिबान उग्रवादियों की मौजूदगी देखी गई थी साथ ही काबुल के आसमान में छाये काले धुएं और धमाकों की आवाज भी सुनाई पड़ रही थी। वहीं दूसरी ओर काबुल के आसमान में अफ़ग़ान सेना के हेलीकॉप्टर मंडरा रहे थे।
सत्ता का शांतिपूर्वक ट्रांसफर किया जाएगा
काबुल जाने वाले तकरीबन सभी रास्तों पर ताबिलान का कब्जा हो चुका है. इधर, अफगानिस्तान के गृह मंत्री ‘अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल’ ने कहा कि काबुल पर हमला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सत्ता का शांतिपूर्वक ट्रांसफर किया जाएगा। जबकि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि काबुल में हालात कंट्रोल में है और किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. साथ ही अफ़ग़ान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दफ्तरों से घर भेज दिया गया है।
Taliban Capture Kabul: काबुल के अंदर तालिबान उग्रवादी ने कब्ज़ा करना शुरू
बता दें, अफ़ग़निस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी होते ही, तालिबान ने फिर से मुल्क पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद बीते दिनों पहले तालिबान ने राजधानी के कई बड़े शहरों पर अपना कब्ज़ा कर लिया था। वहीं आज (15 अगस्त ) काबुल के अंदर तालिबान उग्रवादी ने कब्ज़ा करना शुरू कर दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, अफ़ग़निस्तान सरकार ने तालिबान के सामने अपने घुटने टेक दिए हैं। जिसके साथ ही अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति ‘अशरफ गनी’ ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है। हालांकि अब काबुल के राष्ट्रपति भवन में सत्ता ट्रांसफर करने को लेकर बातचीत चल रही है जिसके बाद अब अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन होना तय है। लेकिन सूत्रों की माने तो खबर यह भी है कि ताबिलान के कमांडर ‘अब्दुल गनी बरादर’ को अफ़ग़ानिस्तान का नया राष्ट्रपति भी मनाया जा सकता है।
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अब्दुल गनी बरादर , मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक
जानकारी के लिये बता दें, ‘अब्दुल गनी बरादर’ तालिबान का उपनेता है। तालिबान के को- फाउंडर से अब्दुल गनी बरादर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख भी है। दुनिया के सभी देशों से बातचीत करने की जिम्मेदारी अब्दुल गनी पर ही है। इस वक्त वह तालिबान के शांति वार्ता दल का नेता है। अब्दुल गनी बरादर , मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक हैं। अब्दुल गनी को 2010 में दक्षिणी पाकिस्तानी शहर कराची में पकड़ लिया गया था जिसके बाद तालिबान के साथ समझौते में पाकिस्तान ने 2018 में उसे छोड़ भी दिया था।
तालिबान का अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा
फ़िलहाल काबुल में घुसने के बाद तालिबान उग्रवादी ‘जलालाबाद’ जैसे बड़े शहरों पर भी अपना कब्जा जमा चूका हैं। जलालाबाद ही ऐसा प्रमुख शहर था, जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था।लेकिन तालिबान ने पिछले सप्ताह ही अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद अफगानिस्तान की केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ता चला गया और जिसके बाद अब अफगानिस्तान के अंदर तालिबान की सत्ता में वापसी होती दिख रही है।
तालिबान का बयान जारी
दूसरी तरफ सत्ता लेने से पहले ही तालिबान ने बयान जारी कर कहा कि “काबुल में शांतिपूर्वक बातचीत के जरिए प्रवेश करेंगे. बलपूर्वक घुसने का कोई इरादा नहीं है. तालिबान ने आगे कहा कि सरकार से बातचीत जारी है, हम किसी से बदला नहीं लेना चाहते हैं. तालिबान ने यह भी कहा कि ‘‘किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा.’’