रश्मि सिंह|Subhash Chandra Bose Jayanti: 23 जनवरी को पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती आ रही है। देश के आजादी के इस महानायक के जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के तौर पर मना रहे है। सुभाष चंद्र ने न सिर्फ अपनी दमदार नेतृत्व क्षमता से हजारों आम लोगों को आजादी की लड़ाई में शामिल किया बल्कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा…! साल 2021 में प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। नेताजी के पराक्रम को सम्मान और सराहने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया था। तभी से इसे पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।
सुभाष चंद्र 126वीं जयंती आज
सुभाष चंद्र बोस का जन्म ओडिशा के कटक में 23 जनवरी 1897 में हुआ था। नेताजी बचपन से ही बेहद योग्य थे। उन्होंने 1920 में इंग्लैंड में सिविल सर्विस एग्जाम पास कर लिया था। दूनिया का सबसे बड़ी परिक्षा में सुभाष चंद्र बोस ने उस समय चौता स्थान हासिल किया था। लेकिन उन्होंने देश की आजादी के लिए उन्होंने पद त्याग कर आंदोलन करने का फैसला लिया। आजादी के लिए नेताजी का नजरिया बड़ा साफ था। उन्हें पता था कि यह थाली में परोसकर नहीं मिलेगी। इसकी देशवासियों को कीमत चुकानी पड़ेगी इसके चलते उन्होंने आजादी के आंदोलन से युवाओं को जोड़ा। जय हिंद, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, चलो दिल्ली, जैसे नारे देकर भारत के लोगों का जोश बढ़ाया।
आज का दिन पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जाएगा
आपको बता दें कि, साल 2021 से पहले तक 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती के नाम से मनाया जाता था। हालांकि, 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर एक अहम फैसला लिया। आजादी में नेताजी के योगदान के मद्देनजर पीएम मोदी ने इसे पराक्रम दिवस के रुप में मनाने का ऐलान किया। इसके बाद से हर साल नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। इस साल पीएम ने 31 जनवरी तक पराक्रम दिवस मनाया जाएगा।