- भारत के दक्षिणी सीमा पर ‘द टाइगर शार्क’ की तैनाती
- सुखोई-30 MKI करेगा दुश्मनों पर प्रहार
- देश के दुश्मनों में सुखोई का खौफ
नई दिल्ली – दुश्मनों का दुश्मन और देश का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान ‘सुखोई-30 एमकेआई’ (Sukhoi 30 MKI) भारत के दक्षिणी सीमा की रक्षा के लिए तैयार है। तमिलनाडु के तंजावुर में ब्रह्मोस मिसाइलों से लेस सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi 30 MKI) का स्क्वॉड्रन शुरू किया जा रहा है। ये फाइटर जेट बेहद घातक ब्रह्मोस मिसाइल से लैस हैं जो पल झपकते ही दुश्मनों का सफाया कर सकता है।
चीन की चाल को नाकाम करने और पाकिस्तान की नापाक हरकतों को मात देने के लिए हिंदुस्तान रणनीतिक दृष्टि से अहम क्षेत्रों में अचूक हथियारों की तैनाती कर रहा है। हाल के दिनों में हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को काउंटर करने के लिए अब भारत ने बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर दी है।
इसके लिए तमिलनाडु के तंजावुर में ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस सुखोई लड़ाकू विमानों का स्क्वॉड्रन शुरू कर रहा है। इसे द टाइगर शार्क नाम दिया गया है। इसके अलावा भारत दिन और रात दोनों वक्त लंबी दूरी तक मारक क्षमता वाले हथियारों का एक प्लेटफॉर्म बना रहा है। ताकि दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके ये हथियार दुश्मन के एयरक्रॉफ्ट कैरियर और अहम ठिकानों को निशाना बनाने की क्षमता रखते हैं।
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने बताया कि वायुसेना तमिलनाडु के तंजावुर में सुखोई का एक स्क्वॉड्रन भी बना रहा है। जो सुपर सोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के साथ लैस होंगे। ब्रह्मोस की तैनाती के लिए सुखोई में कुछ बदलाव भी किए जाएंगे। इसके बाद ये लड़ाकू विमान वायुसेना के अभियानों के लिए काफी अहम हो जाएंगे।
सुखोई-30 लड़ाकु विमान की कुछ अहम बातें
- सुखोई-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना का मेन एयरक्राफ्ट है
- इसका नया नाम ‘द टाइगर शार्क’ रखा गया है
- सुखोई-30 एमकेआई की मारक क्षमता 3000 किलोमीटर है
- 2450 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है सुखोई-30
- सुखोई-30 बमबारी के साथ मिसाइल भी दाग सकता है।
- इस विमान से 2.5 टन वजनी सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल लोड की जा सकती है
- फुल टैंक होने पर 8000 किलो हथियारों के साथ 5200 किमी तक उड़ान भर सकता है
- इस विमान की सबसे खास बात ये है कि इसमें उड़ान के दौरान ही सुखोई-30 फ्यूल भरा जा सकता सकता है
आपको बता दें ‘टाइगर शार्क’ चौथी पीढ़ी के सुखोई का 12वां स्क्वाड्रन है, जिसे दक्षिणी भारत में तैनात किया जाएगा। वही इससे पहले 11 विमानों को देश के पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर तैनात किए गए हैं। दक्षिणी सीमा में सुखोई की तैनाती से जहां भारतीय सीमा की सुरक्षा बढ़ गयी है वहीं चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों में खौफ का माहौल है।