Covid-19 Pandemic से पहले किन महामारियों ने दुनियाभर में मचाया कोहराम
महामारियां किसी तबके, जाति और वित्त आए को देखकर नहीं होती है। ये तो बस फैलती है लेकिन ये फैल कैसे रही है। ये पता लगाना कितना मुश्किल है ये तो वर्तमान के हालात देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस जैसी महामारी (Pandemic) मानव जाति को मजबूर करने वाली पहली महामारी नहीं है। इससे पहले भी लोगों को कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक महामारियों का सामना करना पड़ा है। और इन सभी महामारियों के बारे में जानने से पहले ये जान लेना जरुरी है कि महामारी फैलती कैसे है।
महामारी क्या होता है
- महामारी (एपिडेमिक Epidemic): एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित करता है जो विशेषज्ञों की अपेक्षा से अधिक लोगों को होता है।
- महामारी (पेंडेमिक Pandemic): जो देशों या महाद्वीपों में फैलता है यह अधिक लोगों को प्रभावित करता है और एपिडेमिक की तुलना में अधिक लोगों की जान लेता है।
महामारी कैसे होती है
महामारी परजीवी (Parasite) के कारण होती है। परजीवी दो तरीके के होते है वायरस (Virus) और बैक्टिरया (Bacteria) बता दे कि बैक्टीरिया ज्यादा तापमान (Higher Temperature) पर जी सकते हैं। जबकि वायरस कम तापमान (Lower Temperature) पर जी सकते हैं।
इन Pandemic ने दुनियाभर में मचाई तबाही
जस्टिनियन प्लेग (Plague of Justinian)
साल 541 से 542 में जस्टिनियन प्लेग की वजह से दुनिया की करीब 10% जनसंख्या खत्म हो गई थी। इस बीमारी ने यूरोप की आधी आबादी को साफ कर दिया था। इसका सबसे अधिक प्रभाव बेज़नटाइन साम्राज्य (Byzantine Empire) और मेडिटेरिनियन पोर्ट पर पड़ा था। बेज़नटाइन साम्राज्य के शहंशाह जस्टिनियन भी बीमारी से ग्रसित हो गए थे, लेकिन उनकी जान बच गई। इसकी शुरुआत कहां से हुई, ये पता नहीं चल सका । बता दे कि इस प्लेग का नाम बेज़नटाइन सम्राट जस्टिनियन (शासनकाल 527-565) के नाम पर रखा गया। प्लेग समय- समय पर इसके बाद भी दिखाई देता रहा। ये संक्रमित बिमारी बैक्टीरिया येरसिनिया पेस्टिस (Bacterium yersinia pestis) से होती है।
ब्लैक डेथ (Black Death)
साल 1346 से 1353 तक ब्लैक डेथ की वजह से दुनियाभर में 5 करोड़ (50 million) लोगों की मौत हुई। साल 1346 से 1353 के दौरान यूरोप में प्लेग महामारी (Pandemic) फैली और इसने अफ्रीका और एशिया में भी कहर मचाया। बताया जाता है इसकी शुरुआत एशिया से हुई। प्लेग चूहों से फैलता है और फिर कीड़ों के जरिए मनुष्य इससे संक्रमित होते हैं। यह जहाजों के जरिए पूरी दुनिया तक पहुंचा। इसका मुख्य स्रोत पोत बने, जहां चूहों का पनपना आम बात है। इस तरह इसे रोक पाना काफी कठिन हो गया था। बता दे कि इस महामारी के दौरान यूरोप की 50 से 60 प्रतिशत लोग मरे।
स्पेनिश फ्लू (Spanish Influenza)
स्पैनिश फ्लू 1918 से 1920 को दौरान दुनियाभर में तबाही मचाई। इस वायरस के कारण दुनिया की एक तिहाई आबादी खत्म हो गई थी। बता दे स्पैनिश फ्लू अधिकतर युवा लोगों को होता था। जहां रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 5 करोड़ लोगों की जान गई थी। ये बिमारी H1N1 वायरस से होती है। कुछ रिर्पोटस के मुताबिक – स्पैनिश फ्लू से पहली बार अमेरिका में एक सैनिक संक्रमित हुआ था। ऐसा कहा जाता है इससे पहले भी बहुत लोग संक्रमित हो सकते है। जहां कुछ दिनों में ही स्पैनिश फ्लू से 522 लोग संक्रमित हो गए। बता दे कि 11 मार्च 1918 तक ये वारस न्यूयॉर्क में क्वीन्स तक पहुंच गया। हालांकि उस समय सावधानियां न लेने पर इसके बाद में काफी निंदा भी की गई।
चेचक (Smallpox) :
चेचक कहां से उभरा इसका कोई खास ठोस अनुमान नहीं लगाया जा सका है। लेकिन इस बिमारी का आवेश तिसरी सदी की ममियों में भी पाए गए। इसके कारण सर्दी – बुखार, शरीर में दर्द और त्वाचा पर दाने होते हैं। ये बिमारी उत्तरीपूर्व अमेरिका से हो कर पश्चीमी अमेरिका में कुछ ही दिनों में फैल गई। इसकी वजह से कितनी जाने गई इसका पता नहीं लगाया जा सका लेकिन अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका में 95% आबादी इस बिमारी की वजह से 1492 से लेकर 100 से 150 सालों में खत्म हो गई थी। जिन जगाहों में इसका प्रभाव कम भी माना जाता है उन जगाहों में भी इस बिमारी के कारण लगभग 80 प्रतिशत लोगों की मौत हो गई थी।
एडवर्ड जेनर
सन 1770 में एडवर्ड जेनर ने गाय (cow) में होने वाली समान बिमारी से इस बिमारी की वैक्सीन बनाई। जिसकी वजह से शरीर को इस रोग से लड़ने की ताकत मिली। बड़े स्केल पर वैक्सीन द्वारा इस बिमारी को अमेरिका और सभी देशों से खत्म किया गया।
कोरोना वायरस (Covid19) :
कोविड-19 (Pandemic) ने वर्तमान समय में दुनियाभर में काफी कोहराम मचाया हुआ है। बता दे कि कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में लाखों लोग अपनी जान गवा चुकें हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस का आंकड़ा 11,762,677 तक पहुंच गया है वहीं भारत में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 7 लाख के पहुंच गया है। भारत में लगभग 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। बता दे कि कोरोना वायरस संक्रमण दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में शुरु हुआ था।
कोविड-19 लक्षण
जिसका लक्षण फ्लू से ही मिलते-जुलते हैं जैसे खांसी आना, नाक बहना, बुखार, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ होना है। यह फेफड़ों को संक्रमित करता है, इसलिए छींकतें और खांसते वक्त मुंह से निकले वाली बूंदों के ज़रिए लोगों में फैल सकती है, इसका मतलब ये वायरस बेहद आसानी से किसी को भी संक्रामित कर सकता है।
कोविड और इससे पहले फैली महामारियों में क्या अंतर है
कोविड महामारी और बाकी महामारियों में काफी अंतर है। जैसे कोविड महामारी की मृत्यु दर बाकी महामारियों से कहीं कम है। इसका कारण हमारी इम्यूनिटी बढ़ाना और हमारे रहने के तरीकों की वजह से हो सकता है। हम इस समय आधुनिक युग में दवाइयों और वैक्सीन बनाने में पहले की बजाए कहीं ज्यादा सक्षम है और इस महामारी से बचने के उपाय भी हमने बहुत पहले ही कर लिए जिसकी वजह से हम इस महामारी से लड़ने में कहीं न कहीं सक्षम है।