Nepal News : नेपाल में अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। शनिवार, 29 मार्च को काठमांडू के पूर्वी हिस्से से कर्फ्यू हटा दिया गया है। यह कर्फ्यू सुरक्षा बलों और राजशाही समर्थक प्रदर्शकारियों के बीच हिंसक झड़प के बाद लगाया गया था। शुक्रवार को काठमांडू के कुछ हिस्सों में राजशाही समर्थक प्रदर्शकारियों ने पत्थरबाजी की। इन्होंने राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला कर दिया था। इस दौरान वाहनों में आग लगाई गई। साथ ही लिंकुने इलाके में दुकानों में लूटपाट भी की गई।
ईस्ट काठमांडू में कर्फ्यू हटा
इस हिंसक झड़प में दो लोगों के मौत की खबर है। इनमें से एक टीवी कैमरामैन था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नेपाल की सेना को भी बुलाया गया था। काठमांडू जिला प्रशासन द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, शुक्रवार को शाम 4.25 बजे से लागू कर्फ्यू को शनिवार सुबह 7 बजे हटा लिया गया।
100 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
नेपाल पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार, 28 मार्च के दौरान 105 आक्रोशितों को गिरफ्तार किया गया। यह सभी हिंसक प्रदर्शन में शामिल थे। यह लोग राजतंत्र की बहाली और हिन्दू राज्य की बहाली की मांग कर रहे थे। आंदोलन के संयोजक दुर्गा प्रसाई ने सुरक्षा बैरिकेड को तोड़ा। बता दें कि गिरफ्तार हुए लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शुमशेर राणा और पार्टी के केंद्रीय सदस्य रविंद्र मिश्रा समेत कई बड़े लोग शामिल हैं। वहीं कुछ प्रमुख व्यक्ति अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। प्रदर्शन के दौरान 14 इमारतों में आग लगाई गई और 9 इमारतों को नुक्सार पहुंचाया गया। इसके साथ ही 9 सरकारी वाहनों को आग के हवाले किया गया।
दरअसल नेपाल की राजनीतिक पार्टियों ने संसद के एक घोषणा पत्र के जरिए 2008 में 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर दिया है। पूर्व हिंदू राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में तब्दील कर दिया गया है। राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने एक वीडियो संदेश में समर्थन की अपील करने के बाद से राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे हैं।