Omar Abdullah News : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज, 28 अप्रैल सोमवार को एक आवाज में पहलगाम आतंकी हमले की नींदा की। उन्होंने विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान निंदा प्रस्ताव पर चर्चा की। इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा “मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं होता है कि कुछ दिन पहले हम इस हाउस में थे। यहां पर बजट और कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही थी। अखिरी दिन हम सभी चाय पी रहे थे। और सोच रहे थे कि कश्मीर में अगला सत्र होगा। तब किसी ने सौचा भी नहीं था, कि इस तरह से इतना ज्यादा माहौल बिगड़ जाएगा।”
पहलगाम आतंकी हमले पर बोले उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि “मैं राज्यपाल का बहुत सुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने इस सत्र को बुलाया है। यह सेशन इसलिए बुलाया गया क्योंकि ना सांसद और ना कि किसी और राज्य की असेंबली उन लोगों के दुख को उतना नहीं समझ सकती है जितना जम्मू-कश्मीर की यह असेंबली समझ सकती है। ‘स्पीकर साहब आप अपने आगे पीछे देखिए। आपके आसपास वह लोग हैं जिन्होंने अपनों को खो दिया है।”
“यह पहला हमला नहीं” – उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि, ”पूरा मुल्क इस हमले की चपेट में आया हुआ है। यह पहला हमला नहीं है इससे पहले भी कई हमले यहां पर होते हुए देखें गए हैं। जैसे डोडा, अमरनाथ यात्रा, कश्मीरी पंडितों पर। लेकिन आम नागरिकों पर इस तरह का हमला 21 साल बाद हुआ है।”
भावुक हुए जम्मू-कश्मीर के सीएम
इस दौरान उमर अब्दुल्ला भावुक होते हुए भी दिखाई दिए। उन्होंने भावूक होते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री होने के नाते हमने लोगों को न्योता दिया था। मेजबान होने के नाते जम्मू-कश्मीर की सरकार की जिम्मेदारी थी कि मैं सभी को यहां से सुरक्षित भेजूं। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। मेरे पास मांफी मांगने के लिए भी शब्द खत्म हो गए हैं। क्या कहता उनको? छोटे बच्चों को। जिन्होंने अपने पिता को खून में सना हुआ देखा। उस नेवी अफसर की विधवा को…जिसकी शादी कुछ ही दिन पहले हुई थी।’
उमर अब्दुल्ला कहा कि “कुछ लोगों ने मुझसे पूछा कि हम लोगों का क्या कसूर है? हम तो कुछ ही दिन पहले कश्मीर घूमने के लिए आए हुए थे। इस छुट्टी का अब हमें जिंदगी भर खामियाजा भुगतान पड़ेगा। इस हमले की वजह से हम अंदर से पूरी तरह खोखले हो चुके हैं।”