बसपा की प्रमुख नेता मायावती ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की हैं, कि बसपा हरियाणा और पंजाब में विभिन्न दलों के साथ भाग लेंगी , और वहीं छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना बसपा नेता मायावती इस बार अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरेंगी . साथ ही मायावती ने कहा कि 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के लिए पुरी तैयारीयां चल रही हैं. वही मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस पर सत्ता के लिए गठबंधन करने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि कांग्रेस जातिवादी दलों से गठबंधन बना रही है। वहीं बीजेपी आम जनता की दिक्कतों को दूर करने की स्वार्थ सिद्धि का हैं. वहीं मायावती ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और कांग्रेस ने सत्ता हासिल करने के लिए गठबंधन बनाया है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस जातिवादी समूह के साथ जुड़ रही हैं. दूसरी ओर, भाजपा आम लोगों के मुद्दों को हल करने की अभिलाषा जता रही हैं.
मैदान में उतरेंगी बीएसपी .
मायावती के मुताबिक, अगर क्षेत्रीय दलों को एकजुट होना है तो एनडीए और बदले हुए यूपीए को सभी संचार से पूरी तरह से अलग कर देना होगा। बसपा को भी सत्ता हासिल करने का मौका मिल सकता है. इन सबको ध्यान में रखते हुए, बसपा को छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में निर्विरोध चुनाव लड़कर अपनी ताकत का प्रदर्शन करना है.
सभी दावे झूठे साबित हुए
जब भाजपा के 300 से अधिक सीटें जीतने के दावों की बात आती है तो उनके कहने और करने में अंतर दिखाई देता है। उनके कहने और करने में कांग्रेस की तरह ज्यादा बदलाव नहीं आया है। उनके सत्ता में रहते हुए उनके सभी दावे झूठे साबित हुए हैं।
यूसीसी पर बोली मायावती
मायावती पहले ही समान नागरिक संहिता पर स्पष्ट कर चुकी हैं, कि उनका रुख क्या होने वाला हैं, वहीं जानकार नेताओं ने अहम घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता को अस्वीकार नहीं करती है. हालाँकि, संविधान निर्माण का खंडन करता है, बसपा ने कहा कि भाजपा को यूसीसी के सभी पहलुओ पर विचार चाहिए और कहा कि उनकी पार्टी यूसीसी के कार्यवान का विरोध नहीं करती है। जहां तक यूसीसी को लागू करने की भाजपा की पद्धति का सवाल हैं, हम उनके दृष्टिकोण से असहमत हैं।