देशभऱ में UCC को लेकर के सिसायत में हलचल मची हुई है. संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान संसद (Parliament) में यूनिफॉर्म सिविल कोड पेश कर सकती है. आपको बता दें कि अब तक इस कानून को लेकर के कई प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कुछ इसके पक्ष में तो कुछ इसके विपक्ष में अब (bsp) सुप्रीमो मायावती की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. इसे लेकर सुप्रीमो मायावती का एक बयान भी सामने आया है.
मायावती ने दिया बयान
हमारी पार्टी यूसीसी के विरोध नहीं है. लेकिन उसे जबरन थोपने का प्रावधान बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के संविधान में निहीत नहीं है. इसके लिए जागरुकता और आम सहमती को श्रेष्ठ माना गया है. जिसपर अमल नहीं करके संकृण स्वार्थ की राजनीति करना देश हित में सही नहीं है.
अब तक इस कानून को लेकर के कई प्रतिक्रिया सामने आई है. वहीं मायावती का इस कानून को लेकर कहना है कि गर हर धर्म के मानने वाले एक समान कानून लागू होता है तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा. आपको बता दें कि अपनी बात में मायावती ने आगे कहा कि अगर बीजेपी राजनीतिक एजेंडे से ऊपर उठ कर इस कानून को लाती है तो हम इसका समर्थन जरूर करेंगे. और अगर ऐसा नहीं किया तो इसका विरोध करेंगे भाजपा UCC को चर्चा बना कर देश को भटकाने का काम कर रही है.