रश्मि सिंह|PM Modi In Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार यानी 30 दिसंबर को अयोध्या दौरे पर थे। उन्होंने इस दौरे पर अयोध्या में एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। उसके बाद पीएम ने रोड़ शो भी किए, लोगों को संबोधन भी किए और एक दलित के घर जाकर चाय पी। पीएम के इस दौरे के बाद से ही इन सभी चीजों को लेकर देशभर में इसकी चर्चा हो रही है। कुछ इसे धार्मिक मायने मान रहे तो कुछ का कहना है इन सभी चीजों को सियासी संदेश के रुप में भी देखा जा रहा है।
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) December 30, 2023
आपको बता दें कि, भगवान राम 22 जनवरी 2024 को भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। लेकिन पीएम के इस दौरे ने 30 दिसंबर से ही अयोध्या के माहौल में उत्साह भर दिया है और देश की फिजा में भक्ति का रंग घोल दिया है।
अयोध्या में पीएम ने किया रोड शो
बता दें कि, अयोध्या पहुंचने पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पीएम मोदी स्वागत किया। कुछ देर बाद उनका काफिला अयोध्यावासियों के बीच पहुंच गया है। इसके साथ ही सुबह 11 बजे पीएम मोदी का रोड शो शुरु हो गया, जो दोपहर 12 बजे खत्म हुआ।
पीएम मोदी ने निषाद समुदाय को दिया न्योता
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पीएम मोदी ने अयोध्या रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने अयोध्या से अमृत भारत और वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद पीएम यहां निषाद परिवार से जुड़े रविंद्र मांझी के घर पुहंचे और प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने के लिए अयोध्या के निषाद समुदाय को न्योता दिया। इसके बाद पीएम मोदी ने उज्जवला योजना की लाभार्थी मीरा मांझी के हाथ की बनी चाय पी। प्रधानमंत्री ने मीरा मांझी के घर करीब 15 से 20 मिनट रहे। इसके बाद पीएम मोदी ने महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के लिए निकल गए। पीएम ने वहां यात्री सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने थ्री डी मॉडल के जरिये एयरपोर्ट के बारे में जानकारी दी।
एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि क्यों रखा?
आपको बता दें कि, एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि रखने के पीछे 2024 का सियासी संदेश छिपा है। इसका असर निषाद और वाल्मीकि समाज पर पड़ेगा। विपक्ष भी पीएम मोदी के इस फैसले का विरोध नहीं कर पा रहा है। महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट से न सिर्फ अयोध्यावासी बल्कि देशभर के सभी रामभक्त मंत्रमुग्ध हो गए है।
राम मंदिर की तरह ही नागर शैली में तैयार किया गया यह एयरपोर्ट सिर्फ एयरपोर्ट भर नहीं है, ये वह लॉन्चिंग पैड है, जहां से प्रधानमंत्री मोदी 2024 की सियासी उड़ान को नया आयाम देने वाले है। राम मंदिर से चंद किलोमीटर की दूरी पर बनकर तैयार इस एयरपोर्ट से बीजेपी ऐसी सियासी उड़ान की तैयारी में है, जिसके इर्द-गिर्द कोई विरोधी नहीं हो।
दलित वोटर्स को साधने की कोशिश
अयोध्या में पीएम मोदी के दौरे की मदद से बीजेपी ने दलितों को साधने की कोशिश की है। इसके लिए पीएम ने एयरपोर्ट का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि के नाम पर कर दिया गया है। महर्षि वाल्मीकि को दलित समुदाय अपना आराध्य मानता है। दलित समुदाय जो ना सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि समूचे देश में एक अहम फैक्टर है।
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उत्तर प्रदेश में दलित वोटरों की रेहनुमाई करने वाली मायावती चार बार सत्ता के शीर्ष पर पहुंची। यूपी में मायावती की BSP के अलावा चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी है, जिसकी नजर दलित वोट बैंक पर है। वहीं, बिहार में पासवान परिवार की दो पार्टियां और जीतनराम मांझी की हम पार्टी है, जिनकी राजनीति दलित वोट बैंक पर टिकी है। इसके अलावा महाराष्ट्र में रामदास अठावले की पार्टी RPI है, जो दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है। बीएसपी और आजाद समाज पार्टी को छोड़कर ज्यादातर पार्टियां बीजेपी के साथ ही है।