Rana Sanga Controversy Agra : उत्तर प्रदेश के आगरा में आज राणा सांगा की जयंती पर करणी सेना ने बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया है। आज करणी सेना आगरा में रक्त स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इस आयोजन में 3 लाख से ज्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है। इस आयोजन को लेकर पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस ने पूरे आगरा को छावनी में तब्दील कर दिया है। हर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस को इस बात की भी आशंका है कि जब इतनी बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे तो वे लोग एक बार फिर सपा सांसद के घर तक पहुंचने की कोशिश कर सकते हैं। जिन्होंने राणा सांगा के लेकर विवादित बयान दिया था।
आगरा में निकली जाएगी रक्त स्वाभिमान रैली
जिसे देखते हुए सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सपा सांसद की सुरक्षा में 100 पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं। बता दें कि 26 मार्च को करणी सेना के सदस्यों ने सपा सांसद के आवास पर हमला कर दिया था। जहां करणी सेना का ये आयोजन हो रहा है वहां से सपा सांसद रामजीलाल सुमन का घर केवल 15 किलोमीटर दूर है। हालांकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है।
#BREAKING_NEWS | आज राणा सांगा की जयंती मनाएगी करणी सेना
➡️ आगरा में सांसद सुमन के घर की सिक्योरिटी टाइट
➡️ करणी सेना के कार्यक्रम को लेकर पुलिस अलर्ट
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) April 12, 2025
सपा सांसद ने राणा सांगा पर दिया था विवादित बयान
राणा सांगा पर सपा सासंद रामजीलाल सुमन की विवादित बयान दिया था। जिसके बाद देश की सियासत में बवाल मच गया था। रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा को गद्दार बताया था। उन्होंने कहा कि राणा सांगा के निमंत्रण पर बाबर हिंदुस्तान आया था। इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने बाबर को बुलाया था।
सिसोदिया राजपूत के शासक थे राणा सांगा
राणा सांगा की जयंती हर साल 12 अप्रैल को मनाई जाती है, क्योंकि उनका जन्म 12 अप्रैल 1482 को हुआ था। वह मेवाड़ के सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे और अपने शासनकाल में उन्होंने मेवाड़ साम्राज्य का विस्तार किया और राजपूताना के सभी राजाओं को संगठित किया। राणा सांगा ने अपने पिता राणा रायमल की मृत्यु के बाद 1509 में मेवाड़ के महाराणा के रूप में सिंहासन संभाला। उन्होंने मालवा और गुजरात के सुल्तानों को हराया और अपने राज्य का विस्तार किया। राणा सांगा ने बाबर की सेना को परास्त किया, लेकिन खानवा के युद्ध में वह घायल हो गए और युद्ध के मैदान से बाहर निकलना पड़ा। राणा सांगा एक वीर योद्धा और शासक थे जिन्होंने अपने राज्य की रक्षा और उन्नति के लिए काम किया ।