RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक ने मिडिल क्लास को एक बड़ी खुशखबरी दी है। RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि “कमिटी ने रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है। “अब आरबीआई ने रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी कर दिया है। इस फैसले के बाद बैंकों लोन लेने वाले लोगों की ब्याज दरों में कटौती कर सकती है।
रेपो रेट में कटौती
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दिसंबर 2024 में पदभार सम्भाला था। संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में यह पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग हुई। ये बैठक करीब तीन दिनों तक चली है। आरबीआई के रेपो रेट घटाने के फैसले के बाद बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो गया है। आरबीआई ने इस बार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी का अनुमान लगाया है। वहीं 2025-26 में 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान है।
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि “विश्व बैंक के अनुसार, 129.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित प्रवाह के साथ भारत वैश्विक स्तर पर प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना हुआ है – पिछले कैलेंडर वर्ष 2024 में। इस वर्ष के लिए चालू खाता घाटा टिकाऊ स्तर के भीतर रहने की उम्मीद है। इस वर्ष 31 जनवरी तक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 630/प्लस बिलियन अमेरिकी डॉलर था। यह हमें 10 महीने से अधिक का आयात कवर प्रदान करता है। कुल मिलाकर भारत का बाहरी क्षेत्र बना हुआ है। प्रमुख संकेतकों के मजबूत रहने के कारण रिज़र्व बैंक की विनिमय दर नीति बहुत सुसंगत बनी हुई है। हमारा घोषित उद्देश्य बाजार की दक्षता से समझौता किए बिना सुव्यवस्था और स्थिरता बनाए रखना है। विदेशी मुद्रा बाजार में हमारा हस्तक्षेप अत्यधिक और विघटनकारी अस्थिरता को कम करने पर केंद्रित है।”