Shashi Tharoor News : कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत की तटस्थ नीति पर पहले आपत्ति जताई थी। लेकिन अब उन्होंने अपने बयान से उलट जवाब दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत की नीति को लेकर उनकी पिछली आलोचना गलत साबित हुई है। आज के हालातों को देखते हुए यह नीति सफल होती नजर आ रही है।
“चेहरे पर लगे दाग को मिटा रहा हूं” – शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि “मैं अभी भी अपने चेहरे पर लगे दाग को मिटा रहा हूं, क्योंकि संसद की बहस में मैं ही एकमात्र व्यक्ति था जिसने फरवरी 2022 में अंतर्राष्ट्रीय चार्टर और सिद्धांतों के उल्लंघन के आधार पर भारतीय स्थिति की आलोचना की थी।”
शशि थरूर ने की विदेश नीति की तारीफ
शशि थरूर ने रायसीना डायलॉग के दौरान बातचीत में कहा कि “जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ तब मैंने भारत के रुख की आलोचना करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय चार्टर्स का उल्लंघन बताया था, लेकिन अब तीन साल बाद उन्हें महसूस हो रहा है कि भारत की इस नीति ने देश को एक मजबूत स्थिति में ला कर खड़ा कर दिया है।”
शशि थरूर ने आगे कहा कि “यह भारत की नीति की वजह से ही संभव हुआ है कि हमारे प्रधानमंत्री दो हफ्तों के अंतर में यूक्रेन के राष्ट्रपति और रूस के राष्ट्रपति दोनों को गले लगाकार वापस आ गए। इसके साथ ही भारत को दोनों ही देशों ने स्वीकार किया है।” शशि थरूर के अनुसार ये स्थिति भारत को वैश्विक शांति कायम करने में एक अहम भूमिका निभाने में मदद करती है। ऐसा दुनिया के बहुत काम देश कर पाते हैं।
पहले विदेश निति की आलोचना करते थे शशि थरूर
बता दें कि शशि थरूर रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में भारत की रूस के प्रति कूटनीतिक तटस्थता और रूस से तेल खरीदने की नीति के सबसे बड़े आलोचकों में से एक थे। उन्होंने इस गलत बताया था और इसकी जमकर निंदा भी की थी। लेकिन जब भारत की इस नीति ने उसे दोनों देशों के साथ अच्छे संबंधों को देखते हुए उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली।















