Shubhanshu Shukla Axiom-4 Launch : 25 जून 2025 को भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण आया जब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना के इस जांबाज़ पायलट ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि अंतरिक्ष से देशवासियों के लिए एक प्रेरणादायी संदेश भी भेजा। यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 1984 में राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा के 41 साल बाद देश के अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्याय जोड़ता है।
शुभांशु शुक्ला का संदेश
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने के बाद शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अपना पहला संदेश भेजा, जो भावनाओं और गर्व से भरा हुआ था। उन्होंने कहा “नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफर है! हम 41 साल बाद वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। मेरे कंधों पर लगा तिरंगा मुझे बता रहा है कि मैं आप सबके साथ हूं। यह मेरी यात्रा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। जय हिंद, जय भारत!” यह संदेश न केवल उनकी उपलब्धि को दर्शाता है, बल्कि भारत के युवाओं और वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक प्रेरणा भी है। उन्होंने बताया कि वे 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं, जो उनकी यात्रा के रोमांच को और बढ़ाता है।
#BreakingNews | 41 साल बाद अंतरिक्ष में लहराएगा तिरंगा
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) June 25, 2025
मिशन का महत्व
एक्सिओम-4 मिशन नासा और एक्सिओम स्पेस के सहयोग से संचालित है, जिसमें शुभांशु शुक्ला भारत के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। इस मिशन में वे विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जो अंतरिक्ष अनुसंधान और भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण होंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस मिशन को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर बताया है।
शुभांशु शुक्ला का चयन इसरो और भारतीय वायुसेना के कठिन प्रशिक्षण और मूल्यांकन के बाद हुआ। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारत के वैज्ञानिक कौशल को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
पूरे देश में खुशी का माहौल
शुभांशु के संदेश ने भारत में उत्साह की लहर पैदा कर दी। सोशल मीडिया पर लोग उनकी इस उपलब्धि की सराहना कर रहे हैं, और इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बता रहे हैं। प्रधानमंत्री, इसरो के अध्यक्ष, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी उनके मिशन की सफलता की कामना की और इसे भारत के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बताया। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत भारत 2026 तक अपने पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने की योजना बना रहा है। शुभांशु का अनुभव और इस मिशन से प्राप्त डेटा इसरो को गगनयान की तैयारियों में मदद करेगा।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा और उनका संदेश भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल है। उनका यह कदम न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि यह हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। उनके शब्द, “जय हिंद, जय भारत,” अंतरिक्ष की ऊंचाइयों से गूंजते हुए देश के आत्मविश्वास और गौरव को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।