रश्मि सिंह|Mahashivratri 2024: आज यानी 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। आज भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक किया जाता है। ऐसा माना गया है कि आज के दिन जो भी मनुष्य वर्त रहता है उस पर शिव जी की कृपा होती है। आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। इस दिन जो भी वर्त रहते है उनके पाटर्न की आयु लंबी होती है। ऐसे में अगर आप सब भी यह वर्त रख रहे है तो आइए जानते है इसका पूजा करने का सहीं विधि और वर्त रहने के लाभ।
महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, भोलेनाथ के निराकार से साकार रूप में अवतारण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। महाशिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति के मन में हो रही उथल-पुतल शांत होती है। साधक आध्यात्म की ओर जाने में अग्रसर होता है। शिव कृपा से उसकी तमाम परेशानियों का अंत होता है, वह जीवनभर भौतिक सुखों को प्राप्त कर, मृत्यु के पश्चात स्वर्ग में स्थान पाता है।
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का समय
- महाशिवरात्रि प्रदोष काल मुहूर्त– 8 मार्च 2024 को शिव पूजा में जलाभिषेक के लिए प्रदोष काल मुहूर्त शाम 06.25 से रात 08.25 तक है।
- महाशिवरात्रि निशिता काल मुहूर्त- 8 मार्च देर रात 12.07 – रात 12.55 धार्मिक मान्यता है कि शिवरात्रि के पूरे दिन शिवलिंग में भोलेनाथ विराजमान होता हैं लेकिन रात्रि काल में पूजा खास महत्व रखती है। इस दिन आधी रात में ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था।
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री
पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए तालाब की मिट्टी, गंगाजल, अक्षत, पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, भांग, भस्म, अबीर, गुलाल, भौडल, दान के लिए दक्षिणा, बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, रुद्राक्ष, चंदन, गन्ने का रस, पंचमेवा, मिठाई, फल, फूल, वस्त्र, मौली, देवी पार्वती के लिए कुमकुम, हल्दी, सुहाग सामग्री।