जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: पूर्णिमा के चांद को पूनम का चांद भी कहा जाता है। पूर्णिमा पर चांद की सुंदरता का जिक्र हमारे बॉलीवुड के गानों में भी होता है। इसकी चमक के आगे सब कुछ फीका लगने लगता है। वैसे तो 16 फरवरी से ही पूर्णिमा का चांद दिख जाता है लेकिन 17 फरवरी को भी पूर्णिमा का चांद कई जगहों पर नजर आएगा।
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दुनिया के कुछ खास हिस्सों में ही इस चांद को देखा जा सकेगा। 2022 में ये दूसरी बार होगा कि आसमान में स्नो मून दिखाई देगा। इस चांद का नाम नेटिव अमेरिकन्स ने रखा है। आज दिखने वाला स्नो मून काफी मायनों में खास होगा।
स्नो मून सिंह राशि में होगा, जिससे लोगों के अंदर आत्मविश्वास भर जाएगा। इसके अलावा लोगों के अंदर कुछ अच्छा कर गुजरने की चाहत उत्पन्न होगी। इतना ही नहीं, शुक्र और मंगल भी इस चांद से प्रभावित होकर लोगों की जिंदगी में प्यार भरेगा।
आज का चांद स्नो मून की तरह सिर्फ यूके में ही नजर आएगा। जबकि भारत में यह स्नो मून की जगह सुपर मून बन जाएगा। कई जगह इसे ईगल मून भी कहा जाता है। 2022 में एक दो नहीं बल्कि कई सुपरमून देखने को मिलेंगे। 14 जून और फिर 13 जुलाई को भी सुपरमून देख पाएंगे।
कैसे बन जाता है सुपरमून
चांद तो एक ही होता है फिर कभी ये स्नो मून तो कभी सुपर मून कैसे बन जाता है ये सवाल हर किसी के दिमाग में आता है। दरअसल, जब कभी चांद पृथ्वी के 90 प्रतिशत करीब आ जाता है तो अपने आप वो सुपरमून हो जाता है। वहीं फुल मून यानी पूर्णिमा वैसे तो हर महीने आता है। लेकिन कई बार एक महीने में ये दो बार भी आ जाता है। ऐसे में इसे ब्लू मून नाम दिया जाता है।