नई दिल्ली: पीएम मोदी ने मंगलवार को ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे डबल डेकर रेल और रोड ब्रिज बोगीबील का उद्घाटन किया। बोगीबील पुल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ब्रह्मपुत्र नदी के जिस क्षेत्र में ये पुल बनाया गया है, वहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। सिस्मिक जोन में होने के चलते यहां भूकम्प का खतरा भी ज्यादा है। इधर पुल का उद्घाटन हुआ तो उधर इस पर विवाद शुरु हो गया।
दरअसल 1997 में इस परियोजना की आधारशिला रखने वाले तत्कालीन पीएम एचडी देवगौड़ा नाराज़ हो गए। नाराज़गी की वजह उन्हें कार्यक्रम मे न बुलाया जाना है। देवगौड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीर के लिए रेल लाइन, दिल्ली मेट्रो और बोगीबील रेल सड़क पुल कुछ ऐसी परियोजनाएं हैं, जिन्हें उन्होनें बतौर प्रधानमंत्री मंजूरी दी थी। देवगौड़ा ने कहा कि उन्होनें हर परियोजना के लिए 100-100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था. इनकी आधारशिला रखी थी लेकिन लोगों ने इसे आज भुला दिया.’ वहीं उद्घाटन करने के बाद एक रैली में पीएम मोदी ने पुल को लेकर कही गई बातों में अटल जी को तो याद किया लेकिन देवगौड़ा का जिक्र तक नहीं हुआ।
इंजीनियरिंग का अद्भभुत नमूना
बहरहाल भारत के पहले और एशिया में दूसरा सबसे बड़े बोगीबील पुल को 25 दिसम्बर यानि क्रिसमस डे पर पीएम मोदी ने देश के नाम समर्पित किया। असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल के धेमाजी जिले को जोड़ने वाले इस पुल ने सफर में लगने वाले वक्त को 19 घंटे कम कर दिया है। धेमाजी के बीच दूरी 700 किलोमीटर घटकर करीब 180 किलोमीटर रह गई है। इस डबल-डेकर पुल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस पुल से ट्रेन और गाड़ियां दोनों गुजरती हैं।
ऊपरी तल पर तीन लेन की सड़क है तो नीचे वाले तल यानि लोअर डेक पर दो ट्रैक हैं। करीब 4.94 किलोमीटर लंबा रेल और रोड ब्रिज के निर्माण में देरी के चलते इस पर आने वाला खर्च 85 प्रतिशत तक बढ़ गया और ये 5920 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ।
सेना के लिए भी मददगार
ये पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि इससे मिलिट्री टैंक भी निकल सकते हैं। बोगीबील पुल चीन के लिहाज से भी काफी अहम है और सेना को इस पुल से जरूरत पड़ने पर खासी मदद मिलेगी। यानि सामरिक नज़रिए से भी ये पुल बेहद महत्वपूर्ण है। कुल मिलाकर बोगीबील पुल आम लोगों की सुविधा के लिहाज से तो बेहतर है ही इसके अलावा फौजी जरूरतों के लिहाज से यह पुल सेना को बड़ी ताकत देगा।