जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को 10 दिसंबर को एसोसिएशन ऑफ बौद्ध टूर ऑपरेटर्स (एबीटीओ) ने लॉर्ड बुद्धा इंडिया पीस एंड टूरिज्म मित्र अवार्ड 2021 से सम्मानित किया। इस पुरस्कार ने मानवता, शांति, प्रकृति, संस्कृति और दुनिया भर में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रचार के लिए उनके उत्कृष्ट कार्य को मान्यता दी।
एबीटीओ की ओर से बोधगया में पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें विभिन्न देशों और राज्यों के 200 से अधिक विद्वान, व्यापार भागीदार और 50 से अधिक प्रदर्शक उपस्थित थे। इस अवसर पर मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम मुख्य अतिथि थे। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने डॉ. बीआर अम्बेडकर को अंबेडकर नेशनल मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मिशन जय भीम और अन्य संगठनों के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। जिन्होंने उन्हें उनके पुरस्कार के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर , वह शोषण के शिकार रहे हैं, शिक्षा व्यापार और संपत्ति से वंचित रहे हैं। डॉ बाबासाहेब अंबेडकर जी ने हजारों साल की गुलामी से उन्हें आजाद करा कर उनके पढ़ने लिखने नौकरियों और विकास के रास्ते खोल दिए है। लेकिन आज भी देश के कोने-कोने में जातिगत उत्पीड़न जारी है। विषमता पर आधारित व्यवस्था बार-बार ऐसी घटनाएं करती है जिससे देश शर्मसार होता है। हमने संकल्प किया है कि भारत में समतामूलक समाज की स्थापना करनी है।
राजेंद्र पाल गौतम का जीवन और कार्य
राजेंद्र पाल गौतम, अम्बेडकर-वादी हैं। जिन्होंने भारत में दलितों और उत्पीड़ित वर्गों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ पूरा किया और गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले 450 बच्चों की शिक्षा को प्रायोजित किया। अपने प्रारंभिक सक्रियता के दिनों में, वह समता सैनिक दल’ के सदस्य बन गए। जिसकी स्थापना डॉ. बीआर अम्बेडकर ने की थी। जिसमें उन्होंने भारत में उत्पीड़ित जाति और वर्गों के खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।
शुरू किया जय भीम मिशन
दिल्ली सरकार में चुनाव लड़ने और समाज कल्याण मंत्री बनने के बाद वह जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के सूत्रधार रहे हैं। इस योजना के तहत एससी/एसटी/ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों की निजी कोचिंग फीस दिल्ली सरकार देती है। उनके नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने हाथ से मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने के लिए हाथ से मैला ढोने वालों को मशीनें और सुरक्षात्मक गियर प्रदान करके सीवर सफाई मशीनें भी शुरू कीं। मिशन जय भीम के माध्यम से आज राजेंद्र पाल गौतम भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को भारत और दुनिया के कोने-कोने तक ले जा रहे हैं।