Bihar Political Crisis: बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन उथल पुथल भरा रहा है। दरअसल, बिहार में नई सरकार बनने जा रही है। ऐसे में नीतीश कुमार सीएम पद की शपथ लेंगे और इसी पर जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री बने लेकिन कमान भाजपा के हाथों में रहेगी। बिहार में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला है। सभी दलों में बैठकों का दौर जारी रहा। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि कुछ बड़ी हलचल होने वाली है। लेकिन नीतीश और उनकी पार्टी की ओर से कुछ भी स्पष्ट नही कहा जा रहा था।
कब-कब बने नीतीश सीएम?
बता दें कि 28 जनवरी रविवार करीब 12 बजे नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा दे दिया। जबकि इसके साथ ही एनडीए विधायकों के समर्थन वाला लेटर देंगे उसके बाद शाम 5 बजे शपथ ग्रहण करेंगे। बता दें कि नीतीश कुमार ने 3 मार्च साल 2000 को पहली बार सीएम पद की शपथ ली थी। उसके बाद दूसरी बार 24 नवंबर साल 2005 में, जबकि तीसरी बार 26 नवंबर साल 2010 में, चौथी बार 22 फरवरी साल 2015 में, पांचवी बार 20 नवंबर साल 2015 में, छठी बार 27 जुलाई साल 2017 में, सातवीं बार 16 नवंबर साल 2020 में, आठवीं बार 9 अगस्त साल 2022 में सीएम पद की शपथ ली थी।
नीतीश क्यों पलटे..?
सवाल तो जाहिर तौर पर उठेगा ही कि साल 2022 में इंडिया गठबंधन में आने वाले नीतीश कुमार एक डेढ़ साल के अंदर ही उसे छोड़ चुके हैं। दरअसल, नीतीश को उम्मीद थी कि इंडिया गठबंधन का उन्हें संयोजक बनाया जाए लेकिन ऐसा न हुआ। हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर भी सहमति नहीं बन पा रही थी। सबसे अहम बात कि इंडिया गठबंधन में वह चुनाव जीत भी जाते तो नीतीश को आभास था कि उन्हें केंद्रीय नेतृत्व में जगह मिलती लेकिन सीएम पद छोड़कर उसे नहीं लेंगे। उन्हें इसमें अपना भविष्य नहीं नजर आ रहा था।