जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमने कुछ दिनों पहले एक प्रेसवार्ता करके बताया था कि दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों का जेनरल प्रोविडेंट फंड यानी जीपीएफ का जो पैसा होता है वह एमसीडी हजम कर गई।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, एक सरकारी कर्मचारी बेहतर भविष्य के लिए जिंदगी भर जीपीएफ खाते में पैसा जमा करता है, बीजेपी नेता वह पैसा भी चट कर जाना चाहते हैं। सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा कि आदेश गुप्ता जवाब दें कि जीपीएफ खाते से गायब हुआ यह सारा पैसा कर्मचारियों को कौन देगा।
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कल हमने बताया था कि चाहे कहीं की कोई भी सरकार हो, उसकी जो भी आमदानी होती है, वह या तो सरकारी खजाने में जाता है और या तो नेताओं की जेब में जाता है। निगम में देखा जा रहा है कि जो भी राजस्व के स्त्रोत थे, टोल-टैक्स आमदनी का एक बहुत बड़ा स्त्रोत था। दिल्ली एक सिटी स्टेट है तो पूरे राज्य का टोल-टैक्स निगम को मिलता था। ऐसा मुश्किल से ही मुम्किन हो पाता है। आप महाराष्ट्र की निगम को देख लीजिए। उसके पास राज्य की सीमा ही नहीं है कि वह टोल ले सके। दिल्ली नगर निगम को 1200 करोड़ रुपए टोल से हासिल होता था। लेकिन पिछले कुछ सालों से इसका एक तिहाई पैसा ही सरकारी खजाने में जा रहा है क्योंकि बाकी सारा पैसा नेताओं और पार्षदों की जेब में जा रहा है।
‘पैसा सरकारी खजाने में नहीं जेब में’
सौरभ भारद्वाज ने कहा, निगम को सिर्फ होर्डिंग से 12 हजार करोड़ रुपए का राजस्व आ सकता है। लेकिन यह सारा पैसा भी नेताओं की जेब में जा रहा है। सभी होर्डिंग बीजेपी पार्टी के होंगे या बीजेपी के नेताओं और पार्षदों के होर्डिंग लगे होंगे और या तो मेयर के होर्डिंग लगे होंगे। तीसरा मामला आप पार्किंग का है। अवैध पार्किंग चल रही हैं, जिसके कारण सरकारी खजाने में पैसा आने के बजाए नेताओं की जेब में आ रहा है। इसी तरह से हमने बिल्डिंग विभाग का मामला उठाया था। जिसका रेवेन्यू 156 करोड़ से घटकर 37 करोड़ रह गया है। यानी कि अब केवल एक-चौथाई पैसा ही सरकारी खजाने में आ रहा है, बाकी सारा पैसा नेताओं की जेब में जा रहा है।