नई दिल्ली : देश दुनिया में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है ये फैलती महामारी रुकने का नाम नहीं ले रही ऐसे में जहां एक तरफ देश की अर्थव्यवस्था निचे गिरती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस महामारी की वजह से बच्चों का भविष्य किसी अंधकार में जाते हुए से कम नहीं दिख रहा।
आभिभावक भी स्कूलों को दोबारा खोलने के पक्ष में नहीं है
आपको बता दें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज राज्य स्कूली बच्चों के लिए घोषणा जारी कर कहा है कि (Delhi School Closed) अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद रहेंगे और यह फैसला दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए लिया गया है, सिसोदिया ने एक ऑनलाइन प्रेस- कॉन्फ्रेंस में बयान जारी कर कहा है कि आभिभावक भी स्कूलों को दोबारा खोलने के पक्ष में नहीं है।
स्कूलों को 31 अक्टूबर तक बंद रखने की घोषणा की थी
बीते दिनों दिल्ली सरकार ने स्कूलों को 31 अक्टूबर तक बंद रखने की घोषणा की थी,साथ ही सिसोदिया ने ये भी कहा कि हम लगातार अभिभावकों की राय लेते रहे है और वे इस बात से अभी भी चिंतित है कि अगर ऐसे में स्कूल खोले जाते है तो बच्चों की सेहत पर इस बीमारी का गहरा असर पड़ेगा और जहां भी स्कूल दोबारा खोले गए, वहां बच्चों में कोविड-19 के मामले बढ़े ही हैं। इसलिए हमने राष्ट्रीय राजधानी में अभी स्कूलों को ना खोलने का फैसला किया है। वे अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
देश में अलग-अलग ‘अनलॉक’ चरणों में कई प्रतिबंधों में ढील दी गई
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जारी किए eगए दिशा-निर्देशों के बाद से देशभर में 16 मार्च से विश्वविद्यालय और स्कूल बंद हैं, देशभर में 24 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था,देश में अलग-अलग ‘अनलॉक’ चरणों में कई प्रतिबंधों में ढील दी गई, लेकिन शिक्षण संस्थान बंद रहे। ‘अनलॉक-5’ के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य स्कूलों को दोबारा खोलने के संबंण में निर्णय ले सकते हैं। कई राज्यों में स्कूलों को दोबारा खोलने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है। दिल्ली सरकार ने पहले स्कूलों को नौंवी से 12वीं तक के छात्रों को 21 सितम्बर से स्वैच्छिक आधार पर बुलाने की अनुमति दी थी।