जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: भारत का विभाजन देश के लिए किसी खौफ से कम नहीं था। जानकारी के लिए बता दें कि यह सारी अंग्रेजो की साजिश थी कि देश को दो तुकड़ों में बांट दिया जाए। वहीं इस पूरी साजिश के पीछे कुछ भार्तीय नेता भी जिम्मेदार थे।
14 अगस्त 1947 एक ऐसी तारीख है जो भारत कभी नहीं भूल सकता। एक तरफ 200 वर्षों की गुलामी के बाद आजादी मिलने वाली थी तो वहीं दूसरी ओर देश के दो तुकड़े हो रहे थे। लाखों लोग इधर से उधर हो गए. घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं, यह दर्द था, विभाजन का। भारत के लिए यह किसी खौफ से कम नहीं थी। इसी दर्द को याद करते हुए पिछले साल आजादी की सालगिरह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का एलान किया।
पीएम मोदी ने कहा, “अब हर साल स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के तौर पर याद किया जाएगा। देश का विभाजन कैसे हमारे लिए विभीषिका बनी, इसे याद करने के लिए 14 अगस्त को यह खास दिवस मनाया जाएगा।” एक साल पहले यानी 14 अगस्त 2021 का दिन और आज यानी 14 अगस्त 2021, देश बंटवारे के दर्द को याद करते हुए यह दिवस मना रहा है।