नई दिल्लीः Political: बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। बीजेपी कार्यकारिणी से पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी बाहर कर दिए गए हैं। साथ ही बीजेपी की सीनियर लीडर और वरुण गांधी की मां भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नहीं हैं। दरअसल, वरुण गांधी सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलते रहे हैं। लखीमपुर खीरी में हुए हिंसा मामले में उन्होंने सरकार के खिलाफ बयान भी दिया था। अन्होंने लखीमपुर हिंसा से जुड़ा एक वीडियो पोस्ट कर सरकार पर सवाल खड़े किए थे।
वीडियो पोस्ट करते हुए वरुण गांधी ने लिखा कि वीडियो में बिल्कुल साफ है, विरोध करने वालों की हत्या कर उन्हें खामोश नहीं किया जा सकता है। बेगुनाह किसानों का खून बहाने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। इससे पहले कि किसानों के मन में सरकार के प्रति अहंकार और क्रूरता का संदेश जाए न्याय होना चाहिए।
Political: जेपी नड्डा ने की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा
बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित 80 नेताओं को सदस्य मनोनित किया गया है। भाजपा महासचिव अरूण सिंह की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक कार्यसमिति में 50 विशेष आमंत्रित सदस्य और 179 स्थायी आमंत्रित सदस्य (पदेन) भी होंगे। जिनमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधायक दल के नेता, पूर्व उपमुख्यमंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री संगठन और संगठक शामिल हैं।
सिंधिया और मिथुन चक्रवर्ती शामिल
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जहां पार्टी की वरिष्ठ नेता मेनका गांधी और उनके बेटे सांसद वरुण गांधी को जगह नहीं मिली। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया और बंगाल चुनाव के दौरान पार्टी में शामिल हुए मिथुन चक्रवर्ती को एक्जीक्यूटिव मेंबर्स में शामिल किया गया है।
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कार्यकारिणी टीम कैसे काम करती है
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है और संगठन के कामकाज की रूपरेखा तय करती है। कोविड-19 महामारी के चलते लंबे समय से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक नहीं हुई है। कार्यसमिति के मनोनीत सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कार्यसमिति में पूर्व मंत्रियों हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद को भी जगह दी गई है।