जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: क्या अच्छे दिनों को अब अलविदा कहने का वक्त आ गया है? जी हां इसी विश्य पर जानकारी देंगे बता दें कि जब दुनिया ने 2008 के आर्थिक संकट का सामना किया था, तब एक ब्रोकरेज फर्म का RIP Good Times नाम मेमो काफी वायरल हुआ था।
दरअसल दुनिया के हालात भी फिलहाल ऐसे ही दिख रहे हैं। पहले कोविड, फिर रूस और अमेरिका युद्ध और उससे भी आगे तेजी से बढ़ती जा रही है महंगाई। इसने वैश्विक स्तर पर कई देशों के सामने इससे जुड़े आर्थिक संकट खड़े किए हैं। ऐसे में कंपनियों ने अपना खर्च घटाने के लिए लोगों को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया है। इसमें भी स्टार्टअप कंपनियां सबसे आगे हैं। तेजी से स्टार्टअप हब बन रहे भारत में ऐसी कंपनियां अब तक 10,000 लोगों को नौकरी से निकाल चुकी हैं।
वेंचर कैपिटलिस्ट से दबाकर फंडिंग पाने वाली स्टार्टअप कंपनियों, खासकर टेक स्टार्टअप्स के अच्छे दिन संभवतया खत्म होने लगे हैं। हाल फिलहाल की वैश्विक घटनाओं को देखें तो लोगों के नौकरी जाने की बात समझ में आएगी। सबसे पहले तो स्टॉक मार्केट का बहुत बुरा हाल है और स्टार्टअप कंपनियों जैसे कि Zomato, Paytm, Nykaa का प्रदर्शन तो और भी बुरा रहा है। ऐसे में इन्वेस्टर्स के बीच इन कंपनियों की साख गिरी है।
इन कंपनियों ने की है छंटनी
छंटनी करने वाली स्टार्टअप कंपनियों की लिस्ट बहुत बड़ी है। फरवरी में Lido Learning ने 1200 एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया था। उसके बाद तो जैसे इसकी लाइन ही लग गई. Unacademey ने अप्रैल में 925, Vedantu ने अप्रैल में करीब 600 और FrontRow ने 145 लोगों को नौकरी से निकाल दिया. वहीं Meesho, OKCredit, Cars24, MFine और MPL जैसी कंपनियों ने भी सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकाला है। ये संख्या कुल मिलाकर 8 से 10 हजार तक जाती है।