Dr. Yeshi Dhonden Died : कैंसर को मात देने वाले प्रसिद्द डॉक्टर का निधन
नई दिल्ली : हज़ारों कैंसर मरीज़ों को एक नई ज़िंदगी देने वाले डॉक्टर येशी डोंडेन (Yeshi Dhonden) अब दुनिया में नही रहे। बता दें कि मंगलवार को इन्होंने हिमाचल के कांगड़ा जिले के मैक्लोडगंज में अंतिम सांस ली। डॉ यशी 93 साल के थे। इनकी मौत से लोगों को काफी अफसोस है। 15 मई 1927 को तिब्बत में इनका जन्म हुआ था।
Dr. Yeshi Dhonden को 2018 में मिला पद्मश्री अवार्ड
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के लिए डॉ यशी को 2018 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद इसी साल अप्रैल में इन्होंने रिटायरमेंट ले लिया। मेडिकल साइंस जहां फेल होती थी, वहां से डॉ यशी के इलाज से मरीजों को एक नई ज़िन्दगी मिल जाती थी। खासकर कैंसर जैसे असाध्य रोग के इलाज़ के लिए दूर-दूर से लोग इनके पास आते थे।
Dr. Yeshi Dhonden के पास दुनिया भर से आते थे मरीज़
बता दें कि डॉ यशी से इलाज कराने के लिए देश से ही नही दुनिया भर से लोग इलाज कराने के लिए आते थे। डॉ यशी हर्बल दवाओं और तिब्बती पद्धति से कैंसर रोगियों का इलाज करते थे। डॉ यशी से इलाज के लोग दो-दो, तीन-तीन महीने पहले से ही अपाइंमेंट ले लिया करते थे। लोग इंतज़ार करते थे कि उनका नंबर कब आयेगा कि वो अपना इलाज कर सकें।
बता दें कि डॉ यशी ने 20 साल की उम्र में ही डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर ली थी। 1960 में इन्होंने तिब्बती मेडिकल कॉलेज की स्थापना की थी। साथ ही साथ ये 1979 तक इसी कॉलेज में प्रिसिंपल और निदेशक भी रहे थे। सन् 1960 से 1980 तक ये तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के चिकित्सक रहे। हज़ारों मरीज़ इनके इलाज़ से कैंसर जैसी बीमारी को मात देने में कामयाब रहे। इनके निधन से कैंसर जैसी बीमारी से लड़ रहे लोगों को बड़ा झटका लगा है। उनके निधन की खबर सुनकर लोग उनके आत्मा की शांति की प्रार्थना कर रहे हैं। उनके द्वारा स्थापित अस्पताल में अब भी कैंसर मरीज़ों का इलाज़ होता है।