Hanuman Rath Yatra: ये अमृत काल की तस्वीर है। ये है नरेंद्र मोदी के सपनों की तस्वीर, ये है अमित शाह के संकल्पों की तस्वीर, ये है बदलते जम्मू-कश्मीर की तस्वीर। जहाँ पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार पूरे धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है, वहीं कश्मीर की ये तस्वीरें बदलते जम्मू-कश्मीर और नए जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बयान कर रही हैं। भक्ति में डूबी इन तस्वीरों की लहरों में पत्थरबाजों के पत्थर और आतंकवादियों की दहशत मानो बह गए हों। ये पहला मौक़ा होगा जब श्रीनगर के लाल चौक पर जन्मभूमि रथ यात्रा पहुंची और लाल चौक के घंटाघर क्षेत्र में पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। लाल चौक के आसपास मौजूद पर्यटकों ने भी हनुमान जी की पूजा के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना की।
घाटी में पहली बार जन्मभूमि रथ यात्रा की एंट्री
बता दें कि यह पहली बार है कि अखिल भारतीय जन्मभूमि रथ यात्रा का कश्मीर घाटी में प्रवेश हुआ और बुधवार को यात्रा श्रीनगर पहुंची। स्वामी गोविंद सरस्वती महाराज की देख-रेख में हनुमान रथ यात्रा विभिन्न राज्यों से होकर गुजरी और 12 अक्टूबर को घाटी के दुर्गानाग मंदिर में प्रवेश किया। यात्रा अगले दिन कुपवाड़ा के टिकर में खीर भवानी माता मंदिर से होकर गुजरी और 14 अक्टूबर को टीटवाल के सीमांत क्षेत्र में पहुंची। यात्रा कुपवाड़ा से श्रीनगर के लाल चौक पहुंची और यहां हनुमान मंदिर व जेस्टा देवी मंदिर के साथ-साथ गांदरबल में खीर भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना होगी। फिर यह यात्रा केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू क्षेत्र में वैष्णो देवी, कटरा की ओर बढ़ेगी।
यात्रा का मकसद भक्ति फैलाना
यात्रा कुपवाड़ा से श्रीनगर के लाल चौक पहुंची और यहां हनुमान मंदिर और जेस्टा देवी मंदिर के साथ-साथ गांदरबल में खीर भवानी मंदिर में भक्त पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद यह यात्रा केंद्रशासित प्रदेश के जम्मू क्षेत्र में वैष्णो देवी, कटरा की ओर बढ़ेगी। स्वामी गोविंद सरस्वती महाराज ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य समाज में भक्ति जागरूकता लाना और इस प्राचीन भूमि में एकता और गौरव लाने के लिए रामायण का संदेश फैलाना है और साथ ही लोगों को किष्किंधा में आमंत्रित करना है।