नई दिल्ली : झारखंड जिले के मुसाबनी के रहने वाले गरीब किसान मोहन हांसदा पर 94 लाख की जीएसटी चोरी का मामला दर्ज हुआ है।
मोहन के नाम भी एस इंटरप्राइजेज नामक कम्पनी बनाकर ईबिल के माध्यम से सुभद्रा स्टील को 4 करोड़ 83 लाख रुपये का स्टील बेच दिया गया था। बिक्री कर की चोरी के माध्यम से जीएसटी का 94 लाख रुपये देने को कहा गया है। मामले को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा किसान पर जीएसटी चोरी का मामला दर्ज किया जा चूका है।
पुलिस की जांच
किसान मोहन के घर पुलिस ने जाकर पूछताछ कि तो किसान ने जानकारी दी कि गालुडीह के देवली गांव का रहने वाला बबलू हेम्ब्रम ने उससे आधारकार्ड, पैन कार्ड, फोटो, बैंक पासबुक और बिजली बिल लिये थे ।और साथ ही कहा था कि यदि कम्पनी में नौकरी करना है तो 10 हजार रुपये मिलेगा और नहीं करना है तो ढाई हजार रुपये घर बैठे हर महीना मिल जाएगे । इसके चलते ही अपने बैंक खाते की जानकारी दे दी । इसी लालच के कारण उसने अपने सारे कागजात बबलू को दे दिये थे । जिस के बाद लादुम मुर्मू पर तीन करोड़ की जीएसटी टैक्स चोरी का मामला भी दर्ज किया गया था। लादूम के नाम पर भी फर्जी कंपनी बना कर करोड़ों रूपये के स्टील बेचे गये थे । लादूम मुर्मू के बाद मोहन हासंदा यह दूसरा किसान है जो इन के जाल में फसने के कारण ,उस पर भी 94 लाख की जीएसटी चोरी का मामला दर्ज किया गया है।
गरीब किसान
पीड़ित मोहन हांसदा पहले से ही बहुत गरीब किसान है। किसी तरह खेत में काम कर अपना घर चलाता है। साध ही वह लाल कार्डधारी भी है। वही लाल कार्ड से सरकारी चावल मिलता है। उससे घर का चूल्हा चलता है। गांव में मनरेगा के तहत कई निर्माणकार्य हो रहे है। उसी में मोहन मजदूरी का काम करता है।मोहन हांसदा ने बताया कि उससे इतनी गलती हो गई, कि उसने अपना कागजात किसी को दे दिया थे। और उस के नाम पर फर्जी कंपनी बनाकर जीएसटी चोरी की गई। और फिर मुकदम भी दर्ज किया गया था, पुलिस को ऐसा लोगों पर जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।