नई दिल्ली: Kisan Mahapanchayat: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आज मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन हो रहा है। सुबह से ही किसानों की भीड़ जुटने लगी है। किसान संगठन का दावा है कि ये पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी किसान महापंचायत के दौरान कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मुजफ्फरनगर में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
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Kisan Mahapanchayat: कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग
किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। एक महिला किसान ने कहा, ‘हम तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर यहां एकत्र हुए हैं। हम प्रधानमंत्री से तीन कानूनों को वापस लेने का अनुरोध करते हैं।’ हरियाणा के एक किसान ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री को किसानों के लिए कोई सम्मान नहीं है। मोदी जी किस तरह के राजा हैं जो वह सर्दियों में भी किसानों को बैठने को मजबूर कर रहे हैं?”
(Kisan Mahapanchayat) जो सरकार हमारे खिलाफ काम करेगी हम उसके खिलाफ
राकेश टिकैत ने कहा कि जो सरकार हमारे खिलाफ काम करेगी हम उसके खिलाफ काम करेंगे। राजनैतिक पार्टियों के बैनर पोस्टर लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां वो स्टेज पर नहीं आए। जबकि ये (बीजेपी) विपक्ष में थे तो मंच पर आकर बैठते थे और कहते थे ये सरकार बहुत खराब है। आप इनके हटवाओ हम सारे काम करेंगे। हमने सरकार हटवा दी और ये घर जाकर बैठ गए।
8 सितंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की रूप रेखा तैयार
पंजाब के कुल 32 किसान संघों ने राज्य सरकार को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने के लिए 8 सितंबर की समय सीमा दी है। एसकेएम ने कहा कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो किसान 8 सितंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की रूप रेखा तैयार करेंगे।
हम धरना स्थल को नहीं छोड़ेंगे
राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत में कहा कि हम संकल्प लेते हैं कि हम धरना स्थल को वहां (दिल्ली सीमा पर) नहीं छोड़ेंगे, भले ही वहां हमारी कब्रे क्यों न बन जाएं। उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ने पर हम अपनी जान भी दे देंगे, लेकिन जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे।”