Sudarshan Setu : देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और नायाब नमूना तैयार हुआ है। यह है ‘सुदर्शन सेतु’। यह देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है। इस ब्रिज को आज पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। गुजरात के द्वारका में बने इस ब्रिज की खासियतें –
कितना किलोमीटर लंबा है यह ब्रिज?
पीएम मोदी ने गुजरात के द्वारका में ‘सुदर्शन सेतु’ का उद्घाटन किया। यह केबल ब्रिज ओखा को समुद्र के बीच बसे बेट द्वारका से जोड़ता है। अगर, इसकी लंबाई पर गौर करें तो यह लगभग 2.32 किलोमीटर लंबा है।
लागत 979 करोड़ रुपये
इस पुल के निर्माण को वर्ष 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मंजूरी मिली थी। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2017 को ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले पुल की आधारशिला रखी थी। पहले इसकी अनुमानित लागत 962 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया। ‘सुदर्शन सेतु’ का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
सिग्नेचर ब्रिज के नाम से भी जाना जाएगा
इसे ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के नाम से भी जाना जाएगा। ये पुल द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए बहुत खास महत्व रखेगा।
दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं
4 लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े ब्रिज पर दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं। बताया जा रहा है कि ‘सुदर्शन सेतु’ का अद्वितीय डिजाइन है। इसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ एक फुटपाथ है।
सौर ऊर्जा के पैनल भी लगाए गए हैं
इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर ऊर्जा के पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी। ‘सुदर्शन सेतु’ के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्हें नाव पर निर्भर रहना पड़ता था। मौसम खराब हो तो लोगों को प्रतीक्षा करनी होती थी।
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