कोटा : राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को घर पहुँचाने के लिए राजस्थान सरकार पुरज़ोर कोशिश कर रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार दूसरे प्रदेशों के मुख्यमंत्रीयों के साथ संपर्क करके फंसे हुए बच्चों को उनके घर भेजने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले 8 दिनों में कोटा से अबतक करीब 18 हज़ार से ज्यादा बच्चों को उनके घर पहुँचाया जा चुका है. दूसरे राज्यों के बच्चों को घर पहुंचाने के साथ-साथ राज्य सरकार अपने ही राज्य में फंसे दूसरे शहरों के बच्चों को भी उनका घर पहुँचा रही है. हालांकि, अभी भी करीब 20 हज़ार बच्चे कोटा में ही फंसे हुए है.
8 दिनों में 18 हज़ार को पहुंचाया घर
कोटा से 8 दिनों के भीतर करीब 18 हज़ार बच्चों को उनके घर पहुँचा दिया गया है. जिसमें हरियाणा, असम, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दमन-दीव, दादरा और नगर हवेली, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड के बच्चे शामिल है. जिसमें सबसे ज्यादा बच्चे मध्य प्रदेश के शामिल थे, 110 बसों में करीब 2800 छात्रों को उनके घर पहुँचाया गया है. राजस्थान के अलग-अलग जिलों से पढ़ने आये छात्रों को भी उनके घर पहुँचाया गया. जिनमें करीब 1700 बच्चे शामिल थे, 66 बसों के जरिये इन सभी को घर भेजा गया.
कई हज़ार बच्चे अभी तक फंसे हुए है
इतने बच्चों को घर पहुँचाने के बाद भी कोटा में कई हज़ार बच्चे अभी तक फंसे हुए है. जिनकी संख्या करीब 20 हज़ार से ज्यादा बताई जा रही है, ये सभी बच्चे बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, नॉर्थईस्ट स्टेट्स और पश्चिम बंगाल से है. बिहार से पढ़ने के लिए आये छात्र तो अनशन पर भी बैठ गए है. दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोटा में फंसे हुए बच्चों को घर वापिस बुलाने के समर्थन में नही हैं. जिसको लेकर बच्चे बुरा ना देखो, बुरा न सुनो, बुरा न करो के माध्यम से अपना रोष जता रहे हैं. बात दें कि कोटा में अभी तक बिहार के 11 हज़ार बच्चे फंसे हुए है, तो वहीं महाराष्ट्र के 1800, झारखंड के 3 हज़ार, ओडिशा के 1 हज़ार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के ढाई हजार बच्चे फंसे हुए है.
Written BY -Annushree Rastogi