नई दिल्ली: बिहार राज्य में चमकी बुखार से मासूम बच्चों की मौत के बाद बिहार की नीतीश सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार सवालों के घेरें में है। सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम न होने से लोगों का गुस्सा सरकार के प्रति बढ़ता ही जा रहा है। जिसको लेकर अब केन्द्र सरकार नींद से जागी है और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कठोर और पुख्ता कदम उठाने जा रही हैं।
मोदी सरकार 2 के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जिन जिलों में चमकी का कहर है वहां पर आठ अतिरिक्त एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को शामिल किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए घर—घर जाकर एईएस या जेईएस मरीजों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
Union Health Min Harsh Vardhan: ICMR team of experts has been deployed at SKMCH hospital, Muzaffarpur for making the virology lab operational at the earliest. Multi-disciplinary team deployed earlier is reviewing all the case records of AES patients, admitted and treated in 2019 https://t.co/jidvgmOkPX
— ANI (@ANI) June 20, 2019
डॉ हर्षवर्धन ने ये भी बताया कि आईसीएमआर से जुड़े विशेषज्ञों की टीम को SKMCH अस्पताल में तैनात किया गया है। इसके साथ ही विरोलॉजी लैब की स्थापना के लिए उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम एईएस से जुझ रहे मरीजों के केस रिकॉर्ड की जांच करेगी ताकि बीमारी का विस्तृत रूप से अध्ययन किया जा सके।
ज्ञात हो कि बिहार के मुजफ्फरपपुर में चमकी बुखार से अब तक 138 बच्चों ने तड़प—तड़पकर दम तोड़ा है। अभी तक इस खतरनाक बीमारी का पता नहीं चल पाया है। लागातार हो रही बच्चों की मौत को लेकर लोगों का गुस्सा सूबे के सीएम नीतीश कुमार पर फूट रहा है। हालाँकि सरकार की तरफ से इस बीमारी से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी किये जाने का दावा किया जा रहा है।