जनतंत्र डेस्क, लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। ऐसे में यूपी में दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनने के बाद ये पहला बजट सत्र है। आम जनता बजट की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। विपक्ष पहले ही महंगाई, कानून व्यवस्था और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर है।
विधानसभा में लगातार विपक्ष योगी सरकार पर सवालों की बौछार कर रही है। जिसका जवाब भी मिल रहा है। लेकिन योगी 2.0 में जनता की समस्याएं हल होंगी? राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। हाल ही में हुए चुनावों में कई नई भर्तियों के वादे किए गए थे। ऐसे में सरकार पर दवाब होगा कि इस बजट में नई भर्तियों का ऐलान करें।
जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष का करीब छह लाख करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार के बजट में जनता को बिजली में थोड़ी राहत मिल सकती है। समाजवादी पार्टी सदन में लगातार महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, भर्ती परीक्षाओं को लेकर उठ रहे सवाल, स्वास्थ्य व्यवस्था, बेहिसाब बिजली कटौती और किसानों के मुद्दों को उठा रही है।
कैसा था पिछला बजट
इससे पहले यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के मकसद से वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 5 लाख 50 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। जिसमें योगी सरकार ने बजट के अंदर 27,598 करोड़ रुपए की नई योजनाओं का ऐलान किया था। ऐसे में इस बार का बजट काफी खास है।