Haldwani Voilence: हल्द्वानी में हुई हिंसा पर अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। जब भी कभी देश में कोई ऐसी घटना होती है। तो सभी राजनेताओं का एक दूसरे पर आरोप लगाना शुरु हो जाता है। दरअसल, कोई भी घटना राजनीतिक मोड़ ले ही लेती है। ऐसे में जहां हल्द्वानी में होने वाली घटना ने एक बार फिर सियासी गलियारों में जंग छेड़ दी है। बता दें कि बीजेपी के कई सांसद कह रहे हैं कि यह साजिश है। जबकि कांग्रेस के नेताओं ने पुलिस प्रशासन पर ही सवाल खड़े कर दिये। हालांकि, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बयान दिया कि इस घटना को रोका जा सकता था। हालांकि, कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है और सबकी तलाश जारी है।
कर्फ्यू में छूट
हालांकि जिला प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि शनिवार को कर्फ्यू में छूट को लेकर फैसला ले सकता है। उनके अनुसार जल्दी ही फैसला होगा। हालांकि, गुरुवार के बाद से कोई भी बड़ी या भयानक घटना नहीं हुई।
घटना को रोका जा सकता था- मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने हल्द्वानी हिंसा पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि, “उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा और उसमें जान-माल की हुई क्षति अति-चिन्तनीय है। अगर सरकार, प्रशासन व खुफिया तंत्र सतर्क होता तो इस घटना को रोका जा सकता था। सरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए और अमन-चैन भी कायम करे। साथ ही, उत्तराखंड से लगे यूपी के जिला बरेली आदि में भी आए दिन किसी ना किसी मुद्दे को लेकर यहां तनाव की स्थिति बनी रहती है, जिसे समय रहते सरकार को नियन्त्रित कर लेना चाहिए ताकि यहां भी शान्ति व्यवस्था बनी रहे।”
पुलिस प्रशासन पर सवाल- कांग्रेस
बता दें कि हल्द्वानी हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता और हल्द्वानी के विधायक सुमित ह्दयेश ने प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिये हैं। जबकि उनका कहना यह है कि प्रशासन की ओर से जल्दबाजी हुई, जब इस मामले की सुनवाई कोर्ट में 14 फरवरी थी। तब प्रशासन ने बड़ी चूक कर दी और जल्दबाजी और उतावलेपर में कार्रवाई की।
क्या है फिलहाल हल्द्वानी में माहौल
बता दें कि हल्द्वानी के बनभुलपुरा इलाके में भड़की हिंसा पर एसएसपी नैनीताल पीएन मीना ने कहा कि, “पुलिस ने 19 नामजद और 5000 अन्जान लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया और गिरफ्तारी भी शुरु हो गयी। कई लोग हिरासत में और दंगईयों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है।” शनिवार को कर्फ्यू में छूट को लेकर फैसला ले सकते हैं। हालांकि, प्रशासन के अनुसार जल्दी ही फैसला होगा। हालांकि, गुरुवार के बाद से कोई भी बड़ी या भयानक घटना नहीं हुई।