रश्मि सिंह|Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को कल यानी 6 फरवरी को विधानसभा में पेश कर दिया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बील को चर्चा करने के लिए पेश किया था। अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून बन गया तो इसके बाद लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट की माने तो अगर आप लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे है। तो अगर आपने रिजस्ट्रेशन नहीं कराया तो 6 महीने की सजा हो सकती है। लिव इन में रहने की इच्छा रखने वाले जोड़ों को भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नए कानून में लिव इन रिलेशनशिप को व्यवस्थित करने के लिए प्रावधान किए गए है। 192 पन्नों का यूसीसी विधेयक चार हिस्सों में बंटा हुआ है। यूसीसी विधेयक पर सदन में चर्चा की जाएग, राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधेयक कानून का रुप ले लेगा।
लिव इन के लिए रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य
आपको बता दें कि, अगर UCC कानून पास हुआ तो इसके बाद शादी, तलाक, उत्तराधिकार, लिव इन रिलेशनशिप जैसे विषय पर सभी धर्मों के लिए नियम एकसमान हो जाएंगे। अभी तक के प्रवधानों में लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन कराने की नाकामी से जुड़ा है। नए कानून में लिव इन रिलेशन से जन्में बच्चों को भी आधिकार दिया गया है। बच्चा पुरुष पार्टनर की संपत्ति में हकदार होगा। लिव इन रिलेशन में आने के बाद महिला को पुरुष पार्टनर धोखा नहीं दे सकता है। महिला पार्टनर पुरुष से भरण पोषण की मांग के लिए अदालत में दावा पेश कर सकती है।
UCC विधेयक में सख्त है प्रावधान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, UCC के नए कानून में लिव इन रिलेशन से पैदा हुए बच्चे को सभी हक दिया जाएगा। परुष पार्टनर को जैविक पिता की तरह बच्चे के भरण पोषण की जिम्मेदारी संभालनी होगी और संपत्ति में भी अधिकार देना होगा। बता दें कि, राज्यपाल की मुहर के बाद यूनीफॉर्म सिविल कोड विधेयक कानून बन जाएगा।
अगर यह कानून पास हो गया तो उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जहां UCC को लागू किया जाएगा।