जनतंत्र डेस्क, वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद पर बनारस की जिला अदालत में अगली सुनवाई 26 मई को होगी। अदालत ने दोनों पक्षों को सर्वे रिपोर्ट पर अपनी लिखित आपत्ति फाइल करने की अनुमति दे दी है। मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतेजामिया समिति का कहना है कि मस्जिद में सर्वे कराना 1991 के उस कानून का उल्लंघन है। जिसके तहत देश के किसी भी पूजा स्थल में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।
इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को कहा था कि बनारस की जिला अदालत इस बात पर फैसला करे कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराना कानून सम्मत है या नहीं। साथ ही कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे रिपोर्ट की सीडी-फोटो आदि दोनों पक्ष को दिए जाने की बात कही है।
जिला जज ने मंगलवर को सुनवाई के दौरान कहा, “माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक इस न्यायालय के लिए यह आवश्यक है कि प्राथमिकता के आधार पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की अर्ज़ी की सुनवाई हो और उसके बाद अन्य याचिकाओं पर सुनवाई की जाए।”
पिछले हफ्ते हिन्दू याचिकाकर्ताओं के वकील ने दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी के दौरान शिवलिंग मिला था। हालांकि यह दावा काफी विवादित रहा। मस्जिद समिति के सदस्यों ने कहा था कि पानी के फव्वारे को शिवलिंग के रूप में पेश किया गया था।