जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: तुर्की में दुनिया का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज शुरू हो गया है। झूलता हुआ ये पुल अब यूरोप और एशिया को जोड़ेगा। पुल का उद्घाटन तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने किया है। पुल को “1915 कानाक्कल ब्रिज नाम दिया गया है। यह दुनिया का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज बन गया है।”
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पुल को बनाने में करीब 2.7 अरब डॉलर (20 हजार करोड़ रुपये) खर्च हुए हैं। ये ब्रिज कई मायनों में खास है और व्यापार की दृष्टि से तुर्की को नई ऊंचाईयां देगा। इस पुल के शुरू होने के बाद हर साल तुर्की ईंधन की खपत और कार्बन उत्सर्जन में कमी से 45 करोड़ डॉलर यानी 3492 अरब रुपये की बचत करेगा।
सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज को लेकर राष्ट्रपति एर्दोवान ने कहा कि 1915 कानाक्कल ब्रिज दुनिया का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज बन गया है।”
एर्दोवान ने कहा, “तुर्की ने जापान को पीछे छोड़ दिया है, जिसके पास मिडस्पैन के मामले में दुनिया का सबसे लंबा पुल है। अब तुर्की ने पहला स्थान ले लिया है।”
पुल के दो टावरों के बीच करीब दो किलोमीटर का फासला है। यह पुल तुर्की के उत्तर-पश्चिमी प्रांत कानाक्कल के यूरोपीय क्षेत्र में पड़ने वाले गेलिबोलू शहर को एशियाई क्षेत्र में पड़ने वाले लापसेकी से जोड़ेगा। पुल की मदद से डेढ़ घंटे की फेरी की यात्रा महज छह मिनट में पूरी हो जाएगी।