सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एक समारोह में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्तियां ही पर्याप्त नहीं होती। बल्कि, मानव जीवन और समस्याओं को समझने की इच्छा की मजबूती भी आवश्यक है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा नव नियुक्त न्यायाधीशों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह में बोलते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं है। मानव जीवन को समझने की उनकी इच्छा ही सबसे मजबूत औजार है। उन्होंने कहा कि हालांकि कानून का ज्ञान और अधिनियमों की जानकारी आवश्यक है। लेकिन, लोगों की समस्याओं की समझ ही हमें बेहतर वकील और न्यायाधीश बनाती है।
यह सपना सच होने जैसा है
वहीं, कार्यक्रम में बोलते हुए न्यायाधीश शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में उनकी पदोन्नति उनके लिए सर्वोच्च सम्मान है। यह सपना सच होने जैसा है। देश की शीर्ष अदालत में सेवा करना कानूनी पेशे में किसी भी व्यक्ति के लिए निस्संदेह सर्वोच्च सम्मान है। न्यायाधीश मेहता ने उन वरिष्ठ न्यायाधीशों को धन्यवाद दिया जिनके साथ वह अब तक बेंच के हिस्से के रूप में बैठे हैं और उन्होंने कहा कि सभी ने मुझे कानून की बारीकियों को समझने में मार्गदर्शन दिया, जिससे मुझे आगे बढ़ने में मदद मिली।
न्यायाधीश मसीह ने क्या कहा?
न्यायाधीश मसीह ने कहा कि कानूनी पेशा एक ऐसा क्षेत्र है, जहां जो जितनी मेहनत करता है उसे पहचान जरूर मिलती है। उन्होंने कहा कि आपके आगे बढ़ने की हमेशा संभावना है। हम हमेशा इस बारे में बहुत कुछ सुनते हैं कि किसे बेंच में पदोन्नत किया गया है। लेकिन, यहां आपके सामने एक ऐसा व्यक्ति खड़ा है जिसका कानून से कोई लेना-देना नहीं है और वह पहली पीढ़ी का वकील है।
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