नई दिल्ली- 1984 सिख दंगों के दोषी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत या तिहाड़ जेल में सरेंडर कर सकते हैं। हाल में दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दंगे का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सज्जन कुमार ने सरेंडर की तारीख में कुछ मोहलत देने की गुहार लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नकार दिया था।
हाईकोर्ट ने अनुरोध को ठुकराया
बता दें कि हाईकोर्ट ने बीती 21 दिसंबर को सज्जन कुमार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें उन्होंने अदालत में समर्पण की मियाद 30 जनवरी तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। सज्जन कुमार ने यह अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उन्हें अपने बच्चों और जायदाद से जुड़े कुछ पारिवारिक मामले सुलझाने हैं और शीर्ष अदालत में इस फैसले को चुनौती देने के लिए भी वक्त की जरूरत है।
कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
बीते 17 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख दंगे का दोषी ठहराते हुए उम्र कैद कारावास की सजा सुनाई थी। अपने फैसले में अदालत ने कहा था कि ‘1984 दंगे में राष्ट्रीय राजधानी में 2700 सिखों की हत्या की गई और यह घटना अविश्वसनीय नरसंहार थी। कोर्ट ने इस घटना को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ बताया और कहा कि इसके पीछे वैसे लोग थे, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और कानून का पालन करने वाली एजेंसियों ने भी इनका साथ दिया।