Waqf Bill 2025 In Supreme Court : वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हो सकती है। इस मामले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं। हाल ही में राज्यसभा ने इस अधिनियम को पारित किया है, जिसमें वक्फ बोर्ड की शक्तियों और कार्यों में बदलाव किए गए हैं।
वक्फ के खिलाफ AIMPLB ने किया SC का रूख
वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है। और सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के रहने वाले तैय्यब खान सलमानी एंड अंजुम कादरी ने कानून के खिलाफ याचिका दायर की थी।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों में बदलाव: अधिनियम में वक्फ बोर्ड की शक्तियों और कार्यों में बदलाव किए गए हैं।
- वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन: अधिनियम में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और देखभाल के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
- वक्फ बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति: अधिनियम में वक्फ बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति के लिए नए मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
ओवैसी ने भी दाखिल की थी SC में याचिका
बता दें कि AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस विधेयक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए ओवैसी ने तर्क दिया है कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत वक्फ को दी गई सुरक्षा को समाप्त करता है, जबकि अन्य धर्मों के धार्मिक और परोपकारी न्यासों को यह सुरक्षा बरकरार रखी गई है।
वक्फ बिल को लेकर देश में विवाद
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच शुरू से ही मतभेद हैं। यह विधेयक वक्फ बोर्ड की शक्तियों और कार्यों में बदलाव करता है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। सरकार का कहना है कि संशोधन का उद्देश्य वक्फ बोर्ड को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। सरकार का दावा है कि संशोधन से वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा होगी। वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर देश में विवाद जारी है। विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अब देखना होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला करता है।
वक्फ बिल लोकसभा-राज्यसभा में पास
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित कर दिया गया है। विधेयक को पहले लोकसभा में पारित किया गया था। इसके बाद, राज्यसभा ने भी विधेयक को 95 के मुकाबले 128 मतों से पारित कर दिया था, जिसमें वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं । विधेयक के पारित होने के बाद, यह अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, यह विधेयक एक अधिनियम बन जाएगा और इसके प्रावधान लागू हो जाएंगे।