संसद के शीतकालीन सत्र में बहस, तल्खी और शोरगुल के बीच अहम मुद्दों पर चर्चा
आज संसद में उर्दू भाषा को लेकर सवाल उठाए गए, जिनकी चर्चा धीरे-धीरे जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय तक पहुँच गई। हालांकि इस विषय पर आगे विस्तार से बात करने की बात कही गई, लेकिन उससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण का गंभीर मुद्दा उठाकर सरकार का ध्यान देश के बड़े शहरों की बदहाल हवा की ओर खींचा।

Sansad: (Sansad TV)
राहुल गांधी ने कहा कि देश के अधिकांश महानगर जहरीली हवा की चादर में लिपटे हुए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है, जहां लाखों बच्चे फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं और उनका भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं और बुजुर्गों को सांस लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी ने इसे देश के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए इस पर व्यापक चर्चा की मांग की।
राहुल गांधी के सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमिटी (बीएसी) इस विषय पर समय आवंटित कर सकती है। किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे को बीएसी के संज्ञान में लाया गया है और सरकार ने पहले दिन से ही यह स्पष्ट किया है कि वह विपक्ष के सुझावों को साथ लेकर सभी महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा और समाधान के लिए तैयार है।
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद का माहौल लगातार गर्म बना हुआ है। हर हफ्ते एक नया मुद्दा सामने आ रहा है, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है। संसद भवन के भीतर जहां लोकसभा और राज्यसभा में दोनों पक्षों के बीच तल्खी नजर आई, वहीं सदन के बाहर भी पक्ष और विपक्ष आमने-सामने दिखाई दिए।
शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते में रेणुका चौधरी द्वारा कुत्ता लाने के मुद्दे पर विवाद हुआ था, जबकि दूसरे हफ्ते में सिगरेट को लेकर सदन का माहौल गर्मा गया। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय को टोकते हुए भी देखा गया, जिससे सदन में शोरगुल बढ़ गया।
आज शीतकालीन सत्र के दूसरे हफ्ते के अंतिम दिन हैदराबाद से सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने उर्दू भाषा और जामिया विश्वविद्यालय को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने विभिन्न मुद्दों का जिक्र करते हुए सरकार से जवाब मांगे। उनके भाषण के दौरान संसद का माहौल कुछ समय के लिए शायराना भी हो गया। इसी कड़ी में रामदास अठावले की कविता का भी जिक्र हुआ, जिसने सदन के माहौल को हल्का-फुल्का बना दिया।
कुल मिलाकर, दूसरे हफ्ते के आखिरी दिन संसद में तीखी नोकझोंक, आरोप-प्रत्यारोप और शोरगुल के बावजूद कामकाज भी हुआ। सभी दलों के सांसदों ने अपने-अपने मुद्दे उठाए और बहस के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी। शीतकालीन सत्र में यह दिन बहस, विवाद और चर्चाओं के मिश्रण के रूप में दर्ज हुआ।











