नई दिल्ली: ममता सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ नया कानून बनाने के निर्णय लिया है। इसको लेकर विधानसभा में आज यानी शुक्रवार को नए विधेयक में मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त प्रावधान रखे गए हैं। इससे पहले राजस्थान और मणिपुर मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बना चुके हैं।
विधानसभा में पश्चिम बंगाल (प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग) विधेयक, 2019 पेश किया गया है। नए प्रावधान के अनुसार, जो लोग भीड़ को भड़काएगा, उसे अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी।
पश्चिम बंगाल ऐसा तीसरा राज्य बन जाएगा जोकि मॉब लिंचिंग को लेकर सख्त कानून बनाने जा रहा है। इससे पहले राजस्थान और मणिपुर नए कानून बना चुके हैं।
दरअसल, 17 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ फैसला सुनाते हुए सभी राज्यों को कानून बनाने का निर्देश जारी किया था। सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद वर्ष 2018 के अंत में मणिपुर सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून पारित किया था।
वहीं, राजस्थान सरकार ने एससी के आदेश का पालन करते हुए 5 अगस्त को मॉब लिंचिंग के खिलाफ नया कानून पारित किया है। अब पश्चिम बंगाल सरकार ने भी मॉब लिंचिंग को देखते हुए नया कानून बनाने का निर्णय लिया है।