नई दिल्ली : देश में कोरोना महामारी का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान राज्य की हालत को देखते हुए एक बड़ा ऐलान किया है।.
सीएम शिवराज को लोग अक्सर मामा कहकर बुलाते हैं, जाने ऐसा क्यों
ऑक्सीजन मामले में जल्द ही आत्मनिर्भर होगा MP
जहां एक तरफ राज्य सरकारे केंद्र से ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान ने ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनने का फैसला लिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सागर जिले के बीना में निर्मित 1000 बिस्तर के अस्थाई बेड का निरीक्षण के दौरान ये फैसला लिया है। प्रधान ने कहा कि बीना के रिफाइनरी की इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में बदलकर मरीजों की जान बचाने में काम किया जाएगा। ये फैसला जरूर कोरोना मरीजों के लिए बड़ी सौगात साबित होने जा रहा है।
केंद्र कर रहा मदद
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस मामले में केंद्र भी हमारी मदद कर रहा है। इस मदद के कारण ही हम जल्द ही ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएंगें। ये मध्य प्रदेश का पहला अस्पताल होगा जहां बेड तक पाइप के रास्ते ऑक्सीजन की सप्लाई होगी। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हमे कोरोना से मिलकर लड़ना है।
योगी कि राह पर शिवराज, होशंगाबाद का नाम बदलकर किया ‘नर्मदापुरम’
आपको बता दें कि इस वक्तकोरोना का प्रकोप हर राज्य में अलग अलग है। किसी राज्य में अधिक तो किसी में कम ऐसे में अब कुछ राज्यों में ऑक्सीजन का आवंटन कम होगा तो कुछ राज्यों में बढ़ेगा। इसके लिए पहले ऑडिट होगा उसके बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा।
कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर कसा तंज, माफियाओं पर बदला मूड कब दिखेगा?
SC ने दिया ये आदेश
अभी जिस फॉर्मूले के आधार पर ऑक्सीजन का राज्यों में आवंटन हो रहा है।उसके अनुसार राज्यों में17 फीसद कोरोना पीड़ित को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। उसमें से 8.5 फीसद को प्रतिदिन 10 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है और तीन फीसद मरीज को प्रतिदिन 24 लीटर की। हालांकि अब इस फॉर्मूले को बदलने का वक्त आ गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब एक टीम का गठन किया गया है जो इस मामले को बारीकी से देखेगी।