जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संबोधित किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की ओर से किसान आंदोलन की जीत को लेकर विधानसभा के सदन में रखे गए संकल्प पत्र का प्रस्ताव बहुमत के साथ पास हुआ। सदन में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, पंजाब के किसानों की अगुआई में केंद्र सरकार के तीन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन की जीत की सभी देशवासियों को बधाई।
दिल्ली विधानसभा की पुराने सचिवालय में एक दिवसीय बैठक संपन्न हुई। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कृषि मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत समेत दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और विधायक मौजूद रहे। इस दौरान दिल्ली के शहरी विकास मंत्री गोपाल राय ने किसान आंदोलन की जीत को लेकर सदन में संकल्प पत्र का प्रस्ताव रखा गया। सबसे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि, वे किसानों की ओर से रखी गई मांगों का समर्थन करते हैं। किसानों एक साल से अपने हक के लिए हर हाल में डटे रहे। इसलिए केंद्र सरकार को भी काले कानून वापस लेने पड़े। उन्होंने कहा, देश के किसानों के सत्याग्रह ने दिखा दिया कि अन्याय के खिलाफ सच्चाई और मज़बूत इरादों की जीत ज़रूर होती है। उन्होंने कहा, दुनिया के इतिहास में यह सबसे लंबा आंदोलन रहा, जो देश के किसानों को अपनी ही चुनी हुई सरकार के खिलाफ करना पड़ा।
‘सरकार ने किसानों को रोकने में लगाए 100 करोड़’
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, कभी सोचा न था कि आजाद भारत में किसानों पर राष्ट्र विरोधी, खालिस्तानी, चीन-पाकिस्तान के एजेंट जैसी टिप्पणी की जाएगी। सदन में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को ख़त्म करने के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट लगा दिया।
‘किसानों की सभी मांगे हो पूरी’
सीएम केजरीवाल ने कहा कि, लखीमपुरी खीरी में सरेआम सड़क पर किसानों को गाड़ी से कुचला गया। पिछले कुछ वर्षों से लोगों का जनतंत्र पर से भरोसा उठता जा रहा था, यह जनतंत्र की जीत है और इससे लोगों का जनतंत्र में भरोसा बढ़ा है। किसानों की एमएसपी समेत अन्य लंबित मांगों का हम पूरा समर्थन करते हैं। किसानों पर लगाए गए सभी झूठे मुकदमें वापस लिए जाएं।