Waqf Bill 2025 News : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है, जिससे यह विधेयक अब कानून बन गया है। इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और सख्त नियंत्रण लाना है, जिससे वक्फ बोर्ड के कामकाज में सुधार हो सके और सरकारी जमीनों पर अनाधिकृत दावों पर अंकुश लगाया जा सके।
असकर अली ने किया था वक्फ बिल का समर्थन
पिछले हफ्ते देर रात चली बहस में यह लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ था। लेकिन मुस्लिम समुदाय के एक तबके में नाराजगी बरकरार है। लेकिन मुस्लिम नेता ऐसे हैं जो वक्फ बिल के साथ है। बीती रात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का घर फूंक दिया गया। दरअसल असकर अली ने वक्फ संशोधन कानून का समर्थन किया है। साथ ही वह खुलकर इस बिल की अच्छाईयां गिना रहे हैं।
BJP Minority Morcha’s Manipur president, Asker Ali resident was set on fire by a mob on Sunday night allegedly for supporting the Waqf Amendment Act. The incident happened at Lilong in Thoubal district. Ali had expressed his support for the Act on social media on Saturday. pic.twitter.com/vW2XR3ZdU1
— Jon Suante (@jon_suante) April 6, 2025
असकर अली के घर में लगाई आग
भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष असकर अली के घर को रविवार, 6 मार्च की रात भीड़ ने आग लगा दी। अधिकारियों ने जानकारी दी कियह घटना थौबल जिले के लिलोंग में हुई। असकर अली ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इस कानून के प्रति अपना समर्थन जताया था।
पुलिस ने दी घटना की जानकारी
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि रात करीब 9 बजे गुस्साई भीड़ उनके घर के बाहर इकट्ठा हुई। भीड़ ने उनके घर तोड़फोड़ की और बाद में आग लगा दी। इस घटना के बाद अली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने पिछले बयान के लिए माफी मांगी। संशोधन अधिनियम के खिलाफ इंफाल घाटी के कई हिस्सों में कई विरोध प्रदर्शन हुए। पांच हजार से अधिक लोगों ने एक रैली में भाग लिया।
नए कानून के प्रमुख प्रावधान
- वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण: अब वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण केवल लिखित दस्तावेजों के माध्यम से ही किया जाएगा।
- सरकारी भूमि पर दावा: सरकारी भूमि पर दावा करने पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य: वक्फ बोर्ड में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी, लेकिन वे बहुमत में नहीं होंगे।
- वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण: वक्फ संपत्तियों की पूरी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
इस कानून के लागू होने से वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, कुछ विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया है, उनका मानना है कि यह धार्मिक स्वायत्तता पर हमला है।