नई दिल्ली : दरअसल ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। चूंकि डाइबिटीज मरीज स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए उनका इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है, इस कारण ब्लैक फंगस को उन्हें अपना शिकार बनाने का मौका मिल जाता है।
कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस के केस बढ़ने लगे हैं। देश में बुधवार तक करीब 5,500 लोगों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की पहचान हो चुकी थी। इस कारण 126 लोगों की मौत भी हो चुकी है। यही वजह है कि देश का स्वास्थ्य महकमा काफी सतर्क हो गया है और आम लोगों को जागरूक करने में जुट गया है। इसी क्रम में देश के दो जाने-माने चिकित्सा विशेषज्ञों (Health Experts) ने आज इस पर विस्तार से बात की। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया और मशहूर अस्पताल मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस को लेकर विस्तार से बातचीत की।
डॉ. गुलेरिया और त्रेहन ने दी जानकरी
डॉ. गुलेरिया और डॉ. त्रेहन ने ऑनलाइन बातचीत में कहा कि जिन लोगों को डाइबिटीज है और वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, उन पर ब्लैक फंगस के आक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है। उनका कहना है कि दरअसल ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। चूंकि डाइबिटीज मरीज स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए उनका इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है, इस कारण ब्लैक फंगस को उन्हें अपना शिकार बनाने का मौका मिल जाता है। दोनों एक्सपर्ट ने इस संबंध में बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां दीं, जिन्हें आपको भी गंभीरता से समझना चाहिए…
Black Fungus Treatment : ब्लैक फंगस से बचने के लिए अभी से शुरू कर दें ये उपाय
रोकने के उपाय
डॉ. त्रेहन ने कहा कि हम इस बीमारी को जितनी जल्दी पहचानेंगे इसका इलाज उतना ही सफल होगा। वहीं, डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला शुगर कंट्रोल बहुत अच्छा होना चाहिए, दूसरा हमें स्टेरॉयड कब देने हैं इसके लिए सावधान रहना चाहिए और तीसरा स्टेरॉयड की हल्की या मध्यम डोज देनी चाहिए।
1. शुगर कंट्रोल- खून में चीनी की मात्रा बढ़ने नहीं दें। जो लोग डायबिटिक हैं, उन्हें अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने का अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए।
जो डायबिटिक नहीं हैं, लेकिन नियमित तौर पर स्टेरॉइड्स ले रहे हैं, उन्हें अपना ब्लड शुगर हमेशा चेक करते रहना चाहिए।
2. स्टेराइड गाइडलाइंस का सख्त पालन – हमने स्टेरॉइड देने को लेकर गाइडलाइंस जारी किया है। उसकी के मुताबिक स्टेरॉइड दिया जाए।
3. स्टेरॉइड के बेजा इस्तेमाल से परहेज – स्टेरॉइड देने से बचें। अगर जरूरत पड़े तो कम डोज दें ना कि बहुत ज्यादा। इस तरह की दूसरी दवाइयां भी तभी दी जाएं जब बहुत जरूरी हों।
ये है इलाज
डॉक्टर त्रेहन ने कहा, “यह नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित करता है और तीसरे चरण में यह दिमाग पर अटैक करता है।” चार से छह हफ्ते तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं। गंभीर मामलों में तीन-तीन महीने तक इलाज चलता है।
ये सब अफवाह हैं, न दें ध्यान
1. कुछ कच्चा खाने (Raw Food) से फंगल इन्फेक्शन हो रहा है
2. जहां तहां से लाए गए सिलिंडर से कोरोना मरीज को ऑक्सिजन सपॉर्ट देने के कारण
3. किसी खास स्थान पर ही हो रहा है। हकीकत यह है कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीज में फंगल इन्फेक्शन देखा जा रहा है।