Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर (द्वितीय) के परपोते की विधवा सुल्ताना बेगम द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। आज सोमवार, 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुल्ताना बेगम की याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका को “बेतुका” बताया है। दरअसल सुल्ताना बेगम ने अपनी याचिका में खुद को मुगल बादशाह का कानूनी उत्तराधिकारी बताते हुए दिल्ली के लाल किले पर कब्जा दिए जाने की मांग की थी।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान इस याचिका को पूरी तरह से गलत करार दिया है। बेंच ने कहा, “सिर्फ लाल किला क्यों मांगा? फतेहपुर सीकरी और ताजमहल क्यों नहीं। यह याचिका पूरी तरह से गलत है। इसे हम खारिज करते हैं।”
“बिना सिर पैर वाली याचिका” – SC
बता दें कि इससे पहले सुल्ताना बेगम की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट खारिज कर चुका है। हाई कोर्ट के फैसले को सुल्ताना बेगम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका बिना सिर पैर वाली याचिका है। साथ हा बेंच ने यह भी कहा कि इस याचिका में सुनने लायक कुछ भी नहीं है।
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
बता दें कि सुल्ताना बेगम कोलकाता के पास हावड़ा में रहती हैं। उन्होंने पहली बार ये याचिका साल 2021 में हाई कोर्ट में दाखिल की थी। हमें उम्मीद है कि सरकार इस बहाने से उनकी बात कर ध्यान देगी और कुछ आर्थिक मदद देगी, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।
देरी के कारण याचिका खारिज
गौरतलब हो कि दिल्ली हाई कोर्ट ने इस याचिका को 164 साल से ज्यादा की देरी का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था। वहीं जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की तो उन्होंने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ लाल किला ही क्यों, फतेहपुर सिकरी क्यों नहीं, उन्हें भी क्यों छोड़ दिया गया।