नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को खत्म करने के प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा जारी है। राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह विपक्ष के द्वारा लगाये गए आरोपों का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो कह रहे हैं कि धारा 370 के खत्म होने से कश्मीर में आराजकता उत्पन्न हो जाएगी, मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि धारा 370 से घाटी को क्या मिला ? शाह ने कहा कि घाटी में न शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त है, न स्वास्थ्य की व्यवस्था दुरुस्त है, न युवाओं को रोज़गार मिल रहा है और न ही विकास के अवसर पैदा हो रहे हैं और इन सबका कारण धारा 370 है।
अमित शाह ने धारा 370 के पक्ष में खड़े होने वालों से पूछा कि वो ये बताये कि जब देश के सभी हिस्सों में जमीन की कीमत आसमान छू रही है, घाटी में जमीन की कीमत क्यों इतनी कम है ? उन्होंने कहा कि घाटी में जमीन की कीमत इसीलिए कम है, क्योंकि वहां कोई जमीन का खरीददार नहीं है और खरीददार इसीलिए नहीं है क्योंकि 35A के कारण वहां कोई जमीन नहीं खरीद सकता। वहां कोई शिक्षक जाकर नहीं रहना चाहता, वहां कोई डॉक्टर बसना नहीं चाहता, क्यंकि 370 के कारण वहां रहने के बावजूद उन्हें कोई अधिकार नहीं मिल पाता।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के गरीबी के लिए धारा 370 जिम्मेदार है क्योंकि केंद्र का पैसा वहां पहुंच ही नहीं पाया। वहां विकास नहीं हुआ क्योंकि भ्रष्टाचार को रोकने वाले एजेंसियों को वहां एंट्री नहीं है, जिसकी वजह यही 370 है। चंद लोग जो तीन परिवारों के साथ जुड़े उन्हें सीमेंट की एजेंसी ली है और वहां देश से 100 रुपये महंगा सीमेंट बिक रहा है। जो लोग 370 की वकालत करते हैं, वह बताएं कि यह पैसा कहां गया ? हो-हल्ला कश्मीर के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रपति शासन में शुरू हुई जांच की वजह से हो रहा है।
अमित शाह ने कहा कि धारा 370 की वजह से ही कई संविधान संशोधन वहां आजतक लागू नहीं हो पाए। पंचायत और नगर पालिका के चुनाव वहां नहीं होते थे। उन्होंने कहा कि 40 हजार तक सरपंचों के अधिकार 70 साल तक छीने गए उसके लिए कौन जिम्मेदार है ? उन्होंने कहा कि यह अधिकार कभी नहीं मिला, इस पर कोई नहीं बोलेगा। घाटी में सिर्फ मुस्लिम रहते हैं क्या ? धारा 370 अच्छी है तो सभी के लिए है और बुरी है तो भी सभी के लिए है।